मुंबई के घाटकोपर इलाके में सोमवार शाम को हुए भीषण होर्डिंग हादसे के मामले में पुलिस ने एक आरोपी को उदयपुर, राजस्थान से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपी का नाम भावेश भिंडे है, जो विज्ञापन कंपनी मे. ईगो मीडिया प्रा. लि. का निदेशक है।
यह कंपनी उस 120 फुट गुणा 120 फुट के विशाल होर्डिंग को लगाने के लिए जिम्मेदार थी, जो सोमवार शाम तेज हवाओं और भारी बारिश के दौरान छेड़ानगर इलाके में एक पास के पेट्रोल पंप पर गिर गया था। इस भयावह हादसे में 16 लोगों की मौत हो गई और 75 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
पुलिस के अनुसार, भावेश भिंडे को गुरुवार को उदयपुर से गिरफ्तार किया गया और उसे आज मुंबई लाया गया है। उसे आज ही कोर्ट में पेश किया जाएगा। पुलिस का कहना है कि भावेश के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (लापरवाही से मौत का कारण बनना) और अन्य प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इस घटना के बाद, मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने शहर भर में अवैध और असुरक्षित होर्डिंग हटाने का बड़ा अभियान शुरू किया है। बीएमसी ने कहा है कि वे अब किसी भी अवैध होर्डिंग को बर्दाश्त नहीं करेंगे और उन्हें तुरंत हटा दिया जाएगा।
घाटकोपर होर्डिंग हादसे से जुड़े अहम तथ्य
- हादसा सोमवार शाम करीब 6:30 बजे घाटकोपर के छेड़ानगर इलाके में हुआ
- 120 फुट गुणा 120 फुट का विशाल विज्ञापन होर्डिंग एक पेट्रोल पंप पर गिरा
- 16 लोगों की मौत, 75 से अधिक घायल
- होर्डिंग लगाने वाली कंपनी के निदेशक भावेश भिंडे को उदयपुर से गिरफ्तार किया गया
- भावेश भिंडे पर IPC की धारा 304 सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज
- BMC ने शहर भर में अवैध होर्डिंग हटाने का अभियान शुरू किया
घाटकोपर होर्डिंग हादसा मुंबई शहर के लिए एक बड़ा झटका है। इस घटना ने एक बार फिर शहर में अवैध होर्डिंग्स की समस्या पर ध्यान खींचा है। BMC के पास अब इस समस्या से निपटने के लिए सख्त कदम उठाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
हालांकि, इस तरह के हादसों को रोकने के लिए सिर्फ नियमों का सख्ती से पालन करना ही काफी नहीं है। इसके लिए नागरिकों और विज्ञापन कंपनियों को भी जागरूक होने की जरूरत है। सभी को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि शहर में सिर्फ कानूनी और सुरक्षित होर्डिंग्स ही लगाई जाएं।
इस दुखद घटना में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं और हम घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं। उम्मीद है कि इस हादसे से सबक लेते हुए भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
Ramalingam Sadasivam Pillai 17.05.2024
हमारा शहर अक्सर आदर्शों की बात करता है, पर जमीन पर लागू करने में चूक दिखाती है। इस हादसे से यह साफ़ हो गया कि कंपनी की लापरवाही को कोई ढाल नहीं मिला। कानून तो है, पर उसकी अमलदारी में दिलचस्पी नहीं दिख रही। यह घटना हमें ज़्यादा सतर्क रहने की चेतावनी देती है।
Ujala Sharma 17.05.2024
वाह, बड़ी दिलचस्प कहानी-एक बड़े बिलबोर्ड ने तो बस हवा के साथ डांस किया, और यहाँ 16 लोग 'डांस' के शिकार हो गए। बिल्कुल वैसा ही जो हम उम्मीद नहीं करते।
Vishnu Vijay 17.05.2024
बिलकुल सही कहा आपने 🙏। ऐसे हादसे हमें याद दिलाते हैं कि सुरक्षा सिर्फ कागज़ पर नहीं, बल्कि सबके दिल में भी बसी होनी चाहिए। चलिए सब मिलकर इस बात को आगे ले जाते हैं, ताकि फिर कभी ऐसा न हो। 🌟
Aishwarya Raikar 17.05.2024
देखिए, सच तो यही है कि इन बड़े विज्ञापन कंपनियों के पीछे कोई गहरी साज़िश छिपी हुई है। शायद वे जानबूझकर ऐसे कमजोर स्ट्रक्चर वाले बोर्ड लगाते हैं, ताकि जब भी कोई बड़ी घटना हो, तो इलाक़े में उनका असर बढ़े। यह सब सरकार की लापरवाही नहीं, बल्कि बड़े खिलाड़ियों की चाल है।
Arun Sai 17.05.2024
वास्तविकता में यह घटना एक 'ऑपरेशनल फेल्योर' के रूप में वर्गीकृत की जानी चाहिए, न कि केवल 'लापरवाही' के रूप में। मॉड्यूलर डिजाइन सिद्धांत के अनुपालन में न रह पाना ही यहाँ प्रमुख कारक प्रतीत होता है।
Manish kumar 17.05.2024
सच में यह बड़ी शॉकिंग बात है, ऐसे बड़े बोर्ड को कैसे गिरा दिया? नियमों को तोड़ना आसान है, पर सुरक्षा को लागू करना मुश्किल। अब BMC को तेज़ी से काम करना चाहिए।
Divya Modi 17.05.2024
बिलकुल सही कहा आपने 🙌 सुरक्षा को प्राथमिकता देना ज़रूरी है। चलिए सब मिलकर इस मुद्दे पर जागरूकता फैलाते हैं। 📢
ashish das 17.05.2024
सम्माननीय सदस्यों, यह विनाशकारी घटना नगर प्रशासन के प्रति हमारी अपेक्षाओं को पुनः परिभाषित करती है। नियमानुसार कार्यान्वयन की अनिवार्यता पर पुनर्विचार आवश्यक है।
vishal jaiswal 17.05.2024
आपकी बातों में पूर्णतः सहमति व्यक्त करता हूं। इस संदर्भ में जोखिम मूल्यांकन प्रक्रियाओं का सुदृढ़ीकरण अनिवार्य प्रतीत होता है।
Amit Bamzai 17.05.2024
पहले तो इस त्रासदी को समझने के लिए हमें कई पहलुओं को गहराई से देखना होगा, क्योंकि केवल एक ही कारण से यह घटना नहीं हुई; दूसरी ओर, विज्ञापन कंपनियों की व्यावसायिक नीति, जो अक्सर लाभ को प्राथमिकता देती है, ने सुरक्षा मानकों को ढील दिया हो सकता है, और तीसरा कारण मौसम की असामान्य परिस्थितियों का भी प्रभाव रहा होगा, जैसा कि रिपोर्ट में बताया गया है; इसके अतिरिक्त, नगरपालिका की निरीक्षण प्रणाली में भी कुछ खामियां रह गईं, जिससे ऐसे बड़े बिलबोर्ड की असुरक्षा अनदेखी रह गई; यह तथ्य कि बोर्ड का आकार 120 फुट गुणा 120 फुट था, इसे स्थापित करने के लिए विशेष इंजीनियरिंग की आवश्यकता होती है, लेकिन संभवतः उचित संरचनात्मक समर्थन नहीं दिया गया; जब तेज हवाओं ने इस ढांचे को हिलाया, तो उसने अपनी विफलता का क्षणिक परिदृश्य प्रस्तुत किया; इस प्रक्रिया में 16 लोगों की मौत और कई लोग घायल हुए, जो न केवल मानवीय त्रासदी है, बल्कि सामाजिक दायित्व की भी गंभीर कसौटी है; इस घटना से हमें यह सीख मिलती है कि नियमों का केवल कागज़ पर होना पर्याप्त नहीं, बल्कि उनकी कड़ाई से लागू भी होनी चाहिए; हम उम्मीद करते हैं कि BMC अब सभी अवैध और असुरक्षित बोर्डों को तुरंत हटाने की योजना को तेज़ी से कार्यान्वित करेगा, और नई नीतियों के साथ कड़ी निगरानी रखेगा; इसके साथ ही विज्ञापन कंपनियों को भी अपने कार्यों की पुनरावलोकन करनी चाहिए, और सुरक्षा मानकों के प्रति सजग रहना चाहिए; सार्वजनिक जागरूकता भी एक महत्वपूर्ण कारक है, क्योंकि नागरिकों की रिपोर्टिंग से कई अनियमित संरचनाओं की पहचान हो सकती है; अंततः, न्यायिक प्रक्रिया में भी यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि जिम्मेदार लोग सवाधान के साथ जवाबदेह हों; यह सब मिलकर ही भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने में मदद करेगा; इस त्रासदी के बाद हम सभी को एकजुट होकर शोक व्यक्त करना चाहिए, और साथ ही पुनर्संचार के लिए कदम उठाने चाहिए; आशा है कि इस दर्दनाक अनुभव से सीख लेकर हम अधिक सुरक्षित शहर का निर्माण कर सकें।
ria hari 17.05.2024
बहुत ही सही कहा आपने, चलिए हम सब मिलकर इस बात को आगे बढ़ाएं और ऐसी घटनाओं को रोकें।
Alok Kumar 17.05.2024
सच में, ये सब बहाने सिर्फ दिखावे हैं, असली बात तो यह है कि विज्ञापन एजेंसियां पैसा बचाने के लिए मर्यादा भूल जाती हैं।
Nitin Agarwal 17.05.2024
ऐसी घटनाएं दोहराई नहीं जानी चाहिए।
Ayan Sarkar 17.05.2024
बिलकुल, यह सरकार की गुप्त योजना का हिस्सा है जिससे बड़े काम्पेन को फंड मिल सके।
Amit Samant 17.05.2024
आपके तकनीकी विश्लेषण की सराहना करता हूं, आशा है भविष्य में इस तरह की विफलताओं से बचा जा सके।