आईटी कंपनी इंफोसिस के मुनाफे में 7.1% की बढ़ोतरी
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र की प्रमुख कंपनी इंफोसिस ने वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही (Q1) के परिणाम की घोषणा की है। कंपनी ने इस तिमाही में 6,368 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया है, जो पिछले वर्ष की समान तिमाही में 5,945 करोड़ रुपये की तुलना में 7.1% की वृद्धि दर्शाता है।
कंपनी की आय में भी दर्ज की गई वृद्धि
कंपनी की राजस्व आय भी इस तिमाही में 3.6% बढ़कर 39,315 करोड़ रुपये हो गई है, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष की समान तिमाही में यह 37,933 करोड़ रुपये थी। इससे स्पष्ट होता है कि आईटी क्षेत्र में सुधार आई है और कंपनी को इसमें लाभ हुआ है।
वित्तीय वर्ष 2024 की चौथी तिमाही के मुकाबले कंपनी का शोधित प्रदर्शन थोड़ा नीचे रहा। पिछली तिमाही (Q4 FY24) में कंपनी ने 7,975 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था, जबकि इस बार 20.1% की गिरावट के साथ यह मुनाफा 6,368 करोड़ रुपये रहा।
आर्थिक क्षेत्र में उथल-पुथल
आईटी क्षेत्र में यह वृद्धि तब देखने को मिली है जब वैश्विक अर्थव्यवस्था में बदलाव हो रहे हैं। हॉरिज़नल्स एनालिस्ट्स फर्म के मुताबिक, यह वृद्धि अमेरिका फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती और अमेरिकी चुनाव परिणामों के बाद ठहराव आने की उम्मीद से जुड़ी हो सकती है। इंफोसिस की ओर से कहा गया है कि कंपनी ने अपने राजस्व वृद्धि पूर्वानुमान को संशोधित कर 3%-4% कर दिया है, जो उनके पहले के 1%-3% पूर्वानुमान से काफी अधिक है।
मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए अनुमानित मुनाफा
इंफोसिस ने इस वित्त वर्ष के लिए 20-22% के ऑपरेटिंग मार्जिन का पूर्वानुमान लगाया है। यह भावना बाजार विशेषज्ञों के बीच उत्साह का संचार कर सकती है, क्योंकि महामारी के बाद, वैश्विक आईटी मार्केट में 254 अरब डॉलर के मूल्य के साथ धीमी मांग रही थी।
पिछले सालों में जब आईटी क्षेत्र में महामारी के कारण उत्पन्न कर्मियों की जरूरत के कारण अचानक मांग में उछाल आया था, लेकिन अब यह मांग संभावित रूप से स्थिर हो रही है। हालांकि इस तिमाही में इंफोसिस ने संतोषजनक प्रदर्शन किया है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि अमेरिकी चुनावों के बाद और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बदलाव के बाद से बाजार में और सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
इंफोसिस का विस्तृत प्रदर्शन
अगर हम इंफोसिस के विस्तृत प्रदर्शन पर नजर डालें, तो यह साफ होता है कि कंपनी में स्थिरता और स्थायित्व देखने को मिल रहा है। यह मुनाफा सिर्फ वित्तीय आंकड़ों में वृद्धि का प्रमाण नहीं है, बल्कि यह दिखाता है कि कंपनी ने सामरिक दृष्टिकोण से भी असरदार कदम उठाए हैं।
संक्षेप में, इंफोसिस ने वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में स्थिरता दिखाई है, जो कि भारतीय आईटी उद्योग के लिए एक सकारात्मक संकेत है। कंपनी की राजस्व और लाभ में निरंतर वृद्धि, नई योजनाओं और बाजार में बढ़ती मांग से प्रभावित है।
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