देश भर में चल रहे लोकसभा चुनावों के मद्देनजर आज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में छुट्टी है। यह चुनाव 11 अप्रैल 2023 को शुरू हुए थे और 19 मई 2023 तक चलेंगे। इस चुनाव में देश भर की 543 लोकसभा सीटों के लिए मतदान होना है। चुनाव परिणाम 23 मई 2023 को घोषित किए जाएंगे।
भारत में किसी भी बड़े राजनीतिक इवेंट के दौरान वित्तीय बाजारों को बंद रखना एक आम प्रक्रिया है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि बाजार के सभी प्रतिभागी बिना किसी परेशानी या व्यवधान के लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग ले सकें। इससे यह भी सुनिश्चित होता है कि बाजार में किसी तरह की गड़बड़ी या मैनिपुलेशन न हो सके।
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CDSL) ने भी आज के दिन छुट्टी की घोषणा की है। इसके चलते इंट्रा-डे और डिलीवरी ट्रांजेक्शन पर रोक लगा दी गई है।
शेयर बाजार में छुट्टी का मुख्य उद्देश्य एक समान अवसर प्रदान करना और किसी भी तरह की मार्केट मैनिपुलेशन या इनसाइडर ट्रेडिंग गतिविधियों को रोकना है। उम्मीद की जा रही है कि बाजार 21 अप्रैल 2023 से अपनी सामान्य ट्रेडिंग गतिविधियों को फिर से शुरू कर देगा।
ये चुनाव ऐसे समय में हो रहे हैं जब भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से रिकवर कर रही है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की GDP ग्रोथ 11.5% रहने का अनुमान है। साथ ही 25 मार्च 2023 तक देश का विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड $632.6 बिलियन पर पहुंच गया है।
निवेशकों और ट्रेडर्स को सलाह दी जाती है कि वे वित्तीय समाचार चैनलों और प्लेटफॉर्म के माध्यम से बाजार के रुझानों और खबरों के बारे में लगातार अपडेट रहें। किसी भी तरह के निवेश या ट्रेडिंग से जुड़े फैसले लेने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
NSE और BSE में आज ट्रेडिंग नहीं हो रही है लेकिन ग्लोबल मार्केट्स खुले हुए हैं। कल यानी 21 अप्रैल से भारतीय शेयर बाजार भी सामान्य रूप से काम करना शुरू कर देंगे।
NSE और BSE क्यों बंद हैं?
NSE और BSE में आज इसलिए छुट्टी है क्योंकि देश भर में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं। ऐसा करने से बाजार में किसी भी तरह की अनियमितता या मैनिपुलेशन को रोका जा सकता है। इससे यह भी सुनिश्चित होता है कि बाजार के सभी प्रतिभागियों को वोट डालने का बराबर मौका मिल सके।
भारत में आम चुनाव या किसी भी बड़े राजनीतिक इवेंट के दौरान शेयर बाजार को बंद रखना एक सामान्य प्रक्रिया है। ऐसा पहले भी कई बार हो चुका है।
NSDL और CDSL ने भी की छुट्टी घोषित
NSE और BSE के अलावा नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CDSL) ने भी आज छुट्टी की घोषणा की है।
इसका मतलब है कि इंट्रा-डे और डिलीवरी दोनों तरह के शेयर बाजार लेनदेन पर आज पूरी तरह से रोक रहेगी। हालांकि ग्लोबल मार्केट्स पर इसका असर नहीं पड़ेगा।
बाजार पर क्या असर पड़ेगा?
आज NSE और BSE बंद रहने के कारण भारतीय शेयर बाजारों में कोई कारोबार नहीं हो रहा है। हालांकि ग्लोबल मार्केट्स अपने नियमित समय पर खुले हुए हैं। कल यानी 21 अप्रैल 2023 से भारतीय बाजार भी सामान्य रूप से खुलेंगे।
विश्लेषकों का मानना है कि चुनाव के नतीजों का बाजार पर गहरा असर पड़ सकता है। अगर सत्ताधारी पार्टी को बहुमत मिलता है तो बाजार तेजी पकड़ सकते हैं। वहीं अगर हंग पार्लियामेंट बनती है तो निवेशकों में निराशा देखने को मिल सकती है।
हालांकि लंबी अवधि में बाजार का रुख तय करने में कई अन्य कारक भी अहम भूमिका निभाते हैं। इनमें वैश्विक आर्थिक स्थिति, कमोडिटी के दाम, कंपनियों का प्रदर्शन और मौद्रिक नीति जैसे पहलू शामिल हैं।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
चुनाव के दौरान बाजार में अस्थिरता देखने को मिल सकती है। ऐसे में निवेशकों को बेवजह डरने या भयभीत होने की जरूरत नहीं है। इसके बजाय उन्हें अपने निवेश पर नजर रखनी चाहिए और लंबी अवधि के लिए पैसे लगाने पर ध्यान देना चाहिए।
शेयर बाजार हमेशा उतार-चढ़ाव भरा होता है। अनुभवी निवेशक छोटी-मोटी गिरावट या तेजी से परेशान नहीं होते। वे अपने फंडामेंटल और निवेश के उद्देश्य पर ध्यान देते हैं।
अगर आप नए निवेशक हैं तो बाजार में किसी भी तरह का जोखिम लेने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें। अपनी रिस्क उठाने की क्षमता और वित्तीय लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए ही पैसे लगाएं।
साथ ही ज्यादा से ज्यादा जानकारी हासिल करते रहें। आर्थिक पत्रिकाएं पढ़ें और वित्तीय समाचार चैनलों को देखते रहें। बाजार से जुड़ी हर छोटी-बड़ी खबर पर नजर रखें। ऐसा करने से आप तेजी से बदलते माहौल में भी सही फैसले ले पाएंगे।
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि चुनाव के दौरान शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव तो देखने को मिल सकता है, लेकिन इससे डरने या घबराने की जरूरत नहीं है। अगर आप एक सुनियोजित तरीके से लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं तो आपको इससे फायदा ही होगा।
आज NSE और BSE में छुट्टी होने के बावजूद ग्लोबल मार्केट खुले हुए हैं। कल से भारतीय बाजार भी अपनी सामान्य गतिविधियों को दोबारा शुरू कर देंगे। देखना यह है कि चुनाव नतीजों के बाद बाजार किस तरह का रुख अपनाते हैं।
Amit Samant 21.05.2024
आज के चुनाव के कारण NSE और BSE बंद होने से निवेशकों को थोड़ी राहत मिलती है, क्योंकि इससे ट्रेडिंग में कोई अनिश्चितता नहीं रहती। यह कदम बाजार की पारदर्शिता और निष्पक्षता को बनाये रखने में मदद करता है। चुनाव के दौरान मतदान का कर्तव्य तथा आर्थिक गतिविधियों के बीच संतुलन स्थापित करना आवश्यक है।
निवेशकों को चाहिए कि वे इस अवधि में अपने पोर्टफोलियो का पुनः मूल्यांकन करें। दीर्घकालिक निवेश रणनीति में धैर्य और अनुशासन प्रमुख होते हैं।
बाजार बंद होने पर अल्पकालिक उतार-चढ़ाव की चिंता न करें, क्योंकि बड़े रुझान अक्सर कई महीनों में स्पष्ट होते हैं।
वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि चुनाव परिणामों का बाजार पर प्रभाव अस्थायी हो सकता है, लेकिन मूलभूत आर्थिक संकेतक अधिक महत्वपूर्ण होते हैं।
यदि आप निवेश के नए हैं तो इस समय का उपयोग सीखने और शोध करने में कर सकते हैं।
उच्च जोखिम वाले ट्रेडिंग स्कीम्स से बचें और सुदृढ़ कंपनियों में निवेश को प्राथमिकता दें।
वित्तीय समाचार चैनलों की अपडेटेड जानकारी को फॉलो करते रहें, जिससे आप सूचित निर्णय ले सकें।
बाजार की पुनः प्रारम्भिक तिथि 21 अप्रैल को है, इस पर ध्यान रखें और योजना बनाएं।
अंत में, दीर्घकालिक लक्ष्य रखकर धीरज बनाए रखें और बाजार के अल्पकालिक शोर से न घबरायें।
Jubin Kizhakkayil Kumaran 21.05.2024
ये तो वही पुरानी झंझट है जब सरकार हर बार चुनाव के बहाने बाजार बंद कर देती है, जैसे सबको वोट डालने का बहाना बना लिया। चुनाव का असर? बस यही कि निवेशकों को ट्रेडिंग से रोक दिया जाए, फिर भी कोई फील नहीं होता।
tej pratap singh 21.05.2024
चुनाव के दिन मार्केट बंद कर देना तो वही है जो सच्चाई को देखना बंद कर देना।
Chandra Deep 21.05.2024
निवेशकों को चाहिए कि वे इस समय का उपयोग पोर्टफोलियो रीव्यू करने में करें क्योंकि बाजार बंद है तो कम शोर में सोच सकते हैं। इंट्रा‑डे ट्रेडिंग नहीं चल रही, पर लाँब समय तक कंपनियों की पर्फॉर्मेंस देखना ज़रूरी है।
Mihir Choudhary 21.05.2024
शेयर बाजार बंद है, पर आपका मन अभी भी उत्साहित है! 🎉 अपने पसंदीदा स्टॉक्स की रिसर्च करो, छोटे‑छोटे डेटा पॉइंट्स इकट्ठा करो, और जब मार्केट खुले तो तैयार रहो! 🚀
Tusar Nath Mohapatra 21.05.2024
ऐसे दिन में हमें अपने निवेश को स्थिर रखना चाहिए, नहीं तो बाद में पसीने की बूँदें फूटेंगी। पर बात तो यही है, जब मूवमेंट नहीं है तो हमें अपने लक्ष्य पर ध्यान देना चाहिए, समझे? मज़ाक नहीं कर रहा।
Ramalingam Sadasivam Pillai 21.05.2024
छुट्टी का दिन हमें सोचने का मौका देता है कि हम क्या चाहते हैं, क्या उम्मीदें हैं। बाजार में उतार‑चढ़ाव तो हर चीज़ में होते हैं, पर अंत में केवल सही सिद्धांत ही टिकते हैं। इसलिए, अपने निवेश की मूल बातें मजबूत रखें।
Ujala Sharma 21.05.2024
बंद बाजार का मतलब है बोरियत, लेकिन इस बोरियत में आप अपने पोर्टफोलियो को व्यवस्थित कर सकते हैं। इसलिए, आराम से बैठें और अपने निवेश को फिर से देखें।
Vishnu Vijay 21.05.2024
भाई लोग, मार्केट बंद हुआ तो चिंता मत करो, हम सब मिलकर सीखेंगे, समर्थन देंगे और अगले खुले दिन खुद को तैयार करेंगे 😊। चलो इस समय का उपयोग ज्ञान बढ़ाने में करें।
Aishwarya Raikar 21.05.2024
आपको पता है, चुनाव में अक्सर कुछ गुप्त एजेंडा होते हैं जो बाजार को बुरी तरह प्रभावित करते हैं, लेकिन बेशक, हम सबको ये नहीं पता होता, है ना? 😂
Arun Sai 21.05.2024
व्यावसायिक दृष्टिकोण से देखें तो चुनाव‑समय में मार्केट बंद होना एक नियोजित जोखिम प्रबंधन रणनीति है, परन्तु यह भी सत्य है कि इस अवधि में अस्थायी अस्थिरता घटती है।
Manish kumar 21.05.2024
मार्केट बंद है, इसका मतलब थोड़ा आराम, थोड़ा पुनः मूल्यांकन। आप अपनी रणनीति की समीक्षा करें, फिर खुलने पर धड़कन तेज़ रखें।
Divya Modi 21.05.2024
निवेशकों को यह समझना चाहिए कि इस तरह की सरकारी घोषणा से बाजार की स्थिरता बनी रहती है, जिससे हम सभी को एक समान प्लेटफ़ॉर्म मिलता है। जानकारी रखें, अपडेटेड रहें और 🎯 पर ध्यान दें।
ashish das 21.05.2024
सभी सम्मानित सदस्यों को नमस्कार, इस अवसर पर हम यह विचार करना चाहिए कि चयन प्रक्रिया के दौरान वित्तीय मंचों का बंद होना एक आवश्यक संतुलन है; यह न केवल लोकतांत्रिक भागीदारी को प्रोत्साहित करता है, बल्कि बाजार की विश्वसनीयता को भी संरक्षित करता है। अतः, हमें इस नीतिगत पहल को सराहना चाहिए और अपने निवेश रणनीति को इस संदर्भ में पुनः परिभाषित करना चाहिए।