परिचय

चीन ने ताइवान को चारों ओर से घेरे हुए बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास शुरू किया है, जिसे हाल के वर्षों में सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास कहा जा रहा है। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य चीन की शक्ति हस्तांतरण की क्षमताओं का परीक्षण करना है। इस अभूतपूर्व सैन्य अभ्यास में पहली बार चीनी कोस्ट गार्ड भी शामिल है, जो कि इसके व्यापक और संगठित स्वरूप को दर्शाता है।

सैन्य अभ्यास के विस्तृत विवरण

यह अभ्यास गुरुवार को शुरू हुआ और शुक्रवार को भी जारी रहा। इस संयुक्त अभ्यास में चीनी सेना, नौसेना, वायुसेना, और रॉकेट बल के साथ-साथ कोस्ट गार्ड भी शामिल हैं। इसके अंतर्गत जमीन, समुद्र और आकाश में विभिन्न प्रकार के युद्धाभ्यास किए जा रहे हैं। चीनी सेना के प्रवक्ता ने कहा कि इन अभ्यासों का मुख्य उद्देश्य शक्ति हस्तांतरण क्षमताओं का परीक्षण करना है, जिससे चीन की सैन्य ताकत को बढ़ावा मिले।

चीन की रणनीतिक नीति

चीन की रणनीतिक नीति

चीन ताइवान को अपने क्षेत्र का हिस्सा मानता है और इसे जबरन वापस लेने की धमकी देता है। ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई चिंग-टे को 'खतरनाक अलगाववादी' करार देते हुए, बीजिंग ने अपनी नापसंदी का स्पष्ट संकेत दिया है। चीन की चुनाव और राजनीतिक बदलावों में हस्तक्षेप की नीति एक गहरी रणनीतिक सोच का हिस्सा है, जिससे ताइवान के नए प्रशासन पर मानसिक दबाव बनाया जा सके।

ताइवान की प्रतिक्रिया

ताइवान का रक्षा मंत्रालय इन अभ्यासों को 'अविवेकपूर्ण उकसावे' की संज्ञा देता है। जवाब में, ताइवान ने भी अपनी समुद्री, वायु, और जमीनी सैन्य बलों को सक्रिय कर दिया है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि वे अपनी संप्रभुता और क्षेत्रों की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और किसी भी प्रकार के आक्रमण का मुंहतोड़ जवाब देंगे।

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया

इस अभ्यास के बीच, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने भी चीन की इस कार्रवाई पर चिंता व्यक्त की है। अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों ने इसे क्षेत्र में अस्थिरता फैलाने वाला कदम बताया है। अमेरिकी समुद्री सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि चीन द्वारा किए जा रहे ये अभ्यास क्षेत्रीय स्थिरता को खतरे में डाल सकते हैं।

भविष्य की संभावनाएँ

चीन और ताइवान के बीच बढ़ते तनाव की स्थिति में यह अभ्यास एक नया मोड़ ला सकता है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि ताइवान को घेरकर चीन अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन कर रहा है और ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई चिंग-टे को संदेश दे रहा है।

निष्कर्ष

निष्कर्ष

चीन का यह सैन्य अभ्यास उसकी आक्रामक रणनीति का नवीनतम उदाहरण है, जिसमें वह अपनी सैन्य क्षमताओं का प्रदर्शन कर रहे हैं। इस कार्रवाई के माध्यम से चीन ने दुनिया को यह संदेश भी दिया है कि उसे ताइवान की स्वतंत्रता बर्दाश्त नहीं है और आवश्यकता पड़ने पर वह सैन्य शक्ति का भी प्रयोग कर सकता है। ताइवान और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रियाएं बताती हैं कि यह मामला अभी और गंभीर हो सकता है।