इजरायल का यमन पर हवाई हमला

इजरायल ने यमन के रेड सी तट पर स्थित होदैदा बंदरगाह पर एक महत्वपूर्ण हवाई हमला किया, जिसका उद्देश्य ईरान द्वारा हूती विद्रोहियों को हथियारों की आपूर्ति को रोकना था। यह हवाई हमला शनिवार शाम को किया गया, जिसमें तेल और गैस भंडारण सुविधाओं में बड़े पैमाने पर आग लग गई। इसके अलावा एक विद्युत स्टेशन और बंदरगाह पर माल लोडिंग और अनलोडिंग के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरणों को भी नुकसान पहुँचा।

होडैदा बंदरगाह का महत्व

यमन के होदैदा बंदरगाह की भूमिका यमन में खाद्य और आवश्यक वस्तुओं के आयात में बहुत महत्वपूर्ण है। इस हमले के कारण बंदरगाह पर गंभीर परिणाम देखे गए। हमले के दौरान तीन लोगों की मौत हो गई और 80 से अधिक लोग घायल हो गए, जिनमें से कई को गंभीर रूप से जलने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया।

इजरायल के प्रधानमंत्री के आरोप

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि होदैदा बंदरगाह ईरान द्वारा हूती विद्रोहियों को हथियारों की आपूर्ति के लिए एक मुख्य केंद्र के रूप में कार्य करता है। इन हथियारों का उपयोग हूती विद्रोहियों द्वारा इजरायल, अन्य अरब देशों और क्षेत्र के अन्य तत्वों पर हमले करने के लिए किया जा रहा है।

ड्रोन्स और मिसाइल हमले

हमले से एक दिन पहले हूती विद्रोहियों ने इजरायल पर ड्रोन्स द्वारा हमला किया था, जिसमें तेल अवीव में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। इसके बाद इजरायल ने जवाबी कार्रवाई करते हुए यह हवाई हमला किया। रविवार सुबह हूती विद्रोहियों ने दक्षिणी इजरायल की ओर एक मिसाइल दागी थी, जिसे इजरायली सुरक्षा बलों द्वारा पहले ही पकड़ लिया गया था।

अंतरराष्ट्रीय समर्थन

हवाई हमले के बाद यूएस डिफेंस सेक्रेटरी लॉयड ऑस्टिन ने इजरायल को अपनी सुरक्षा और आत्मरक्षा के अधिकार के लिए अमेरिका के अविचल समर्थन की पुष्टि की।

इजरायल का आरोप है कि पिछले कुछ महीनों में हूती विद्रोहियों ने इजरायल पर 200 से अधिक मिसाइल और ड्रोन हमले किए हैं, जिनमें से अधिकांश को इजरायली और अमेरिकी नौसैनिक बलों द्वारा रेड सी में विफल कर दिया गया।