आदमपुर एयरबेस पर प्रधानमंत्री मोदी का जोशीला संबोधन
13 मई 2025 को पंजाब के आदमपुर एयरफोर्स स्टेशन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वायुसेना के जवानों से मिलकर सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ भारत की रणनीति को लेकर बड़ा संदेश दिया। जैसे ही मोदी मंच पर आए, उन्होंने 'भारत माता की जय' के साथ संबोधन की शुरुआत की, जिससे पूरे एयरबेस पर जोश का माहौल दिखा। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने PM मोदी द्वारा अपनाई गई 'घर में घुसकर मारेंगे' नीति पर जोर दिया और बताया कि देश के दुश्मनों को उनकी ही जमीन पर सबक सिखाने का वक्त आ चुका है।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में भारत की सैन्य ताकत और सेना के साहस पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "हमने देखा है कि ड्रोन और मिसाइल का इस्तेमाल कर कैसे दुश्मनों को करारा जवाब दिया जाता है। जब बात भारत की सुरक्षा की आती है, तो कोई समझौता चलाई नहीं जाती।" मोदी ने उल्लेख किया कि भारतीय रक्षा नीति सिर्फ घात लगाकर इंतजार करने वाली नहीं है, बल्कि अब वो समय गया जब सिर्फ अपने घर की रक्षा करनी होती थी। अब आतंकियों को उनके घर में घुसकर मारा जाएगा।
ऑपरेशन सिंदूर और क्षेत्रीय तनाव के बीच सख्त संदेश
प्रधानमंत्री ने हाल की आतंकवाद रोधी कार्रवाइयों का उल्लेख करते हुए ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा की। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में आतंकियों के ठिकानों को तबाह किया था। मोदी ने दो टूक कहा, "जो दुश्मन सोचते हैं कि वे अपने अड्डों में सुरक्षित हैं, भारत उन्हें वहीं पर नेस्तनाबूद करेगा। हमारे जवानों को अब घुसकर ही मारना आता है।"
यह बयान ऐसे वक्त आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़े हुए हैं। मोदी का यह संवाद वायुसेना के जवानों का मनोबल बढ़ाने के साथ-साथ पड़ोसी देशों को साफ संदेश देने जैसा माना जा रहा है। पीएम ने सैनिकों और उनके परिवारों की कुर्बानियों की सराहना की और कहा कि भारत का हर नागरिक सैनिकों के पीछे खड़ा है। "आपका हौसला, आपके त्याग, और आपके परिवार की सहनशीलता इस देश की सबसे बड़ी ताकत है। जब आप आगे बढ़ते हैं, तो पूरा भारत आपके साथ कदम से कदम मिलाकर चलता है," मोदी ने कहा।
प्रधानमंत्री ने देश की युवा पीढ़ी को भी इससे प्रेरणा लेने का आह्वान किया और कहा कि सुरक्षा बलों का ये समर्पण आने वाली पीढ़ियों के लिए मिसाल बनेगा। आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई का संदेश चहुँओर स्पष्ट है। अब सीमा के पार भी, भारत की सेना और सरकार अपनी नीति का अमल करती दिख रही है – जरूरत पड़ने पर दुश्मन के घर में घुसकर जवाब दिया जाएगा।
Meenal Khanchandani 14.05.2025
ऐसे बयान हिंसा को बढ़ावा देते हैं, यह सही नहीं है।
Anurag Kumar 14.05.2025
भाई, मोदी जी का यह एंकरिंग हमारे जवानों को प्रेरित करता है। छोटा सा बिंदु है कि हमें भी अपने दैनिक जीवन में सुरक्षा के पहलू को महत्व देना चाहिए। आप सब मिलकर देश के लिए कुछ छोटा लेकिन असरदार काम कर सकते हैं। कोई भी छोटा कदम बड़े बदलाव का हिस्सा बन सकता है।
Prashant Jain 14.05.2025
क्या ये कूद-कूद कर बोले गए शब्द वास्तविक योजना हैं या बस हवा में उड़ते हुए कंफ़िट कहे गए हैं?
DN Kiri (Gajen) Phangcho 14.05.2025
भाई लोग, हमें मिलजुल कर आगे बढ़ना चाहिए ऐसे ही मोटीवेटेड बातों से। हमारा समर्थन हमेशा सैनिकों के साथ रहेगा
Yash Kumar 14.05.2025
कैल्पनिक बातों में पड़ना बंद करो अभी के लिए, असली समस्याओं को देखो
Aishwarya R 14.05.2025
वास्तव में, पिछले साल की आँकड़ों के अनुसार, आतंकवादी हमलों में 30% कम गिरावट आई है, तो यह दावेदार बयान थोड़ा ज्यादा तेज़ी से कहा गया है।
Vaidehi Sharma 14.05.2025
वाह! किसी को नहीं पता था कि नीति में इतना “घर में घुसकर मारेंगे” जोड़ दिया गया 😅
Jenisha Patel 14.05.2025
सच कहा जाए तो ऐसी कठोर रणनीति राष्ट्रीय सुरक्षा के संदर्भ में विचारणीय है; परंतु इसके नैतिक आयामों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
Ria Dewan 14.05.2025
ओह, तो अब हमें ‘घर में घुसकर मारेंगे’ का नया संस्करण मिल गया, धन्यवाद सरकार! 🙄
rishabh agarwal 14.05.2025
विचार करने लायक बात है, परन्तु हिंसा की इस राह पर चलना दीर्घकालिक शांति के लिये उपयुक्त नहीं हो सकता।
Apurva Pandya 14.05.2025
ऐसे लफ़्ज़ों से जनता में डर बढ़ता है, हमें शांति की दिशा में कदम बढ़ाने चाहिए :)
Nishtha Sood 14.05.2025
देश की सुरक्षा एक सामूहिक प्रयास है, इसमें हर नागरिक का योगदान आवश्यक है।
हमारी सेना ने कई बार सिद्ध किया है कि साहस और दृढ़ता से बड़ी कठिनाइयों को भी मात दी जा सकती है।
वह भयानक आतंकवादी नेटवर्क को तोड़ने के लिये लगातार नई तकनीकी का उपयोग कर रही है।
इसका मतलब यह नहीं कि हमें अंधाधुंध हिंसा को अपनाना चाहिए।
हमें रणनीति में संतुलन बनाये रखना चाहिए, जिससे नागरिकों की सुरक्षा प्राथमिकता बनी रहे।
भविष्य की पीढ़ियों को ऐसे दुश्मन के सामने झुकना नहीं सीखना चाहिए।
सुरक्षा नीतियों में नैतिक विचारों को भी सम्मिलित किया जाना चाहिए।
सच्ची शक्ति वह है जो सच्चे मूल्यों को बनाए रखे।
ऐसे वक्तव्य कभी-कभी असुरक्षित माहौल पैदा कर सकते हैं।
हमें सबको शामिल करके एक सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करनी चाहिए।
ऐसे साहसी कदमों को लेकर जनता की आशा बढ़ती है, लेकिन साथ ही चिंता भी।
प्रत्येक कदम पर परिणामों का मूल्यांकन करना जरूरी है।
समाज में संवाद और समझदारी को बढ़ावा देना भी विशेषज्ञता का हिस्सा है।
आइए हम सब मिलकर एक सुरक्षित और न्यायपूर्ण भारत की कल्पना करें।
अंत में, हमारी शक्ति हमारे एकजुटता में है, न कि केवल ताकत में।
चलो, इस भावना को दिल में बसाए और मिलकर आगे बढ़ें।
Hiren Patel 14.05.2025
भाई, इस बात से तो दिल धड़कता ही नहीं, उल्टा पोपड़ की तरह धड़कता है! असली टैक्सी ‘घर में घुसकर मारेंगे’ के बजाय हमें गाड़ी चलाने की ट्रेनिंग लेनी चाहिए।
Heena Shaikh 14.05.2025
सिर्फ शब्दों से नहीं, काम से साबित करो; नहीं तो ये सब सिर्फ बयानों की गूँज होगी।
Chandra Soni 14.05.2025
ऑपरेशन सिंधूर के प्रोटोकॉल के अनुसार, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एनालिटिक्स को इंटिग्रेट करना आवश्यक है; इस तरह के सिचुएशन में ‘हाइटे ऑपरेशंस मेट्रिक’ का उपयोग अनिवार्य हो जाता है।
Kanhaiya Singh 14.05.2025
उच्चस्तरीय नीति का उद्देश्य स्पष्ट होना चाहिए; इस कारण से हमें ठोस योजना चाहिए। :)
prabin khadgi 14.05.2025
कृपया, इस घोषणा के पीछे के रणनीतिक दस्तावेज़ों की प्रतीक्षा है, ताकि हम विस्तृत विश्लेषण कर सकें।
Aman Saifi 14.05.2025
हम सबको मिलकर एक समतापूर्ण संवाद निर्माण करना चाहिए, जिससे सभी आवाज़ें सुनी जा सकें और समाधान में सहयोग हो सके।