अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का उत्साह और महत्व
भारत और विश्वभर में 10वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून, 2024 को मनाया जा रहा है। इस वर्ष का प्रमुख आयोजन जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में आयोजित किया गया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं भाग लिया और नेतृत्व किया। इस कार्यक्रम में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया और योग के सूत्रों का अनुगमन किया। इस वर्ष की थीम 'स्वयं और समाज के लिए योग' है, जो व्यक्ति और समाज के समग्र विकास पर जोर देती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल और योगदान
पहली बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत 21 जून, 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर हुई थी। उन्होंने 27 दिसंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र में योग दिवस के प्रस्ताव को प्रस्तुत किया, जो भारी समर्थन के बाद स्वीकृत किया गया। इसके बाद से प्रत्येक वर्ष 21 जून को पूरे विश्व में इसे बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।
श्रीनगर में आयोजित मुख्य कार्यक्रम
इस वर्ष श्रीनगर में आयोजित किए गए मुख्य कार्यक्रम में हजारों लोगों ने भाग लिया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने दो महत्वपूर्ण पुरस्कारों की घोषणा की – एक राष्ट्रीय और एक अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार – जो योग के प्रचार और विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्तियों या संगठनों को सम्मानित करेंगे। इन पुरस्कारों के लिए नामांकन अवधि 11 जून 2024 से 30 जून 2024 तक रखी गई थी।
योग टेक चैलेंज 2024 और योग विथ फैमिली वीडियो कांटेस्ट
इस वर्ष कई नई पहल शुरू की गईं। योग टेक चैलेंज 2024 एक ऐसी पहल है जिसका उद्देश्य योग के प्रति नवाचारों को बढ़ावा देना है। इसके अलावा, 'योग विथ फैमिली' वीडियो कांटेस्ट आयोजित किया गया जिसमें परिवार अपने योग के एक-मिनट के वीडियो को रिकॉर्ड कर अपलोड कर सकते हैं। इससे योग के पारिवारिक और सामुदायिक महत्व को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
एनसीईआरटी द्वारा 'जीवन के लिए योग' प्रश्नोत्तरी
छात्र संस्कृति में योग के महत्व को बढ़ावा देने के लिए एनसीईआरटी द्वारा 10 जून 2024 से 30 जून 2024 तक 'जीवन के लिए योग' प्रश्नोत्तरी आयोजित की गई। इस प्रतियोगिता में कक्षा 6 से 12 के छात्र भाग ले सकते हैं और ज्ञान को समृद्ध कर सकते हैं।
देश भर में योग सत्र
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने देश भर में विभिन्न स्थानों पर योग सत्र आयोजित किए। यह प्रदर्शित करता है कि योग न केवल स्वास्थ्य के लिए बल्कि सामुदायिक बंधन को मजबूत करने के लिए भी एक महत्वपूर्ण साधन है।
अंतर्राष्ट्रीय आयोजन
विश्वभर में 10वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस बहुत ही भव्य रूप से मनाया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में न्यूयॉर्क सिटी में यह आयोजन हुआ जिसमें संयुक्त राष्ट्र सदस्य राज्य, संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी, कर्मचारी और सम्मानित व्यक्तियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में योग सत्र, सांस्कृतिक प्रदर्शन, संगीत, और स्वास्थ्यकर भोजन विकल्प शामिल थे।
विश्वभर में योग दिवस की गतिविधियां
कई देशों में पार्कों में मुफ्त योग सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। योग स्टूडियो और योग स्कूल विशेष कोर्स या रिट्रीट आयोजित कर रहे हैं जो योग के विभिन्न पहलुओं पर जोर देते हैं। इन आयोजनों के माध्यम से योग के वैश्विक विस्तार को बढ़ावा मिलता है और लोगों को योग के लाभों से अवगत कराया जाता है।
Nishtha Sood 21.06.2024
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का यह उत्सव हमारे पूरे समाज को स्वास्थ्य और सामुदायिक बंधन की दिशा में एक कदम और आगे ले जाता है। इस प्रकार की आध्यात्मिक और शारीरिक गतिविधियाँ हमारे बच्चों में भी सकारात्मक ऊर्जा भरती हैं। सरकार की पहल से योग को हर घर में लाया जा रहा है, यह निश्चित रूप से सराहनीय है। आशा है कि इस साल के कार्यक्रमों से प्रेरित लोग अपने दैनिक जीवन में योग को अपनाएँगे। कुल मिलाकर, यह पहल वैकल्पिक चिकित्सा और मानसिक स्वास्थ्य दोनों को सुदृढ़ करती है।
Hiren Patel 21.06.2024
क्या बात है, इस बार श्रीनगर की पृष्ठभूमि में गूंजती ध्वनियों में योग की शक्ति बिल्कुल जादू जैसी महसूस हुई! प्रधानमंत्री की मौजूदगी ने माहौल को electric बना दिया, और हजारों लोगों ने एक ही लय में सांस ली। ऐसी ऊर्जा को देख कर ऐसा लगा जैसे हर कोशिका में नया life-force प्रवेश कर रहा हो। योग टेक चैलेंज ने तो tech-savvy युवाओं को भी आकर्षित किया, अब डिजिटल और आध्यात्मिक का संगम हो रहा है। वास्तव में, यह आयोजन हमारे राष्ट्रीय पहचान को एक नया, progressive चेहरा दे रहा है।
Heena Shaikh 21.06.2024
योग को केवल शारीरिक व्यायाम समझना एक गहरा भ्रम है; यह मन‑शरीर‑आत्मा के संपूर्ण समन्वय की खोज है। यदि हम इस प्रथा को superficial celebrations तक सीमित रखेंगे, तो उसकी गहराई का नाश होगा। प्रत्येक आसन में वही ब्रह्मांडीय ऊर्जा निहित है जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता। इसलिए, इस प्रकार के बड़े कार्यक्रमों में superficiality को हटाकर, सच्ची आत्मा को जागरूक करना आवश्यक है। नहीं तो, यही superficial उल्लास अंततः हमें हमारी असली शक्ति से वंचित कर देगा।
Chandra Soni 21.06.2024
बिल्कुल सही कहा तुमने, इस आयोजन में ऊर्जा का resonance ही हम सभी को uplift करता है। हमें इस momentum को sustain करना चाहिए, और yoga‑as‑a‑service के concept को पेशेवर तौर पर integrate करना चाहिए। हमारी community में wellness‑driven initiatives को scalability के साथ implement करना परवर्ती नहीं, बल्कि आवश्यक है। जब हम mindfulness, pranayama और asana को daily workflow में embed करेंगे, तब productivity और mental resilience दोनों में measurable uplift देखेंगे। इस दिशा में, नयी तकनीकें और data‑driven insights को adopt करना हमें competitive advantage देगा। चलो, इस योग wave को पूरे nation में ride करें और एक holistic ecosystem बनाएं।
Kanhaiya Singh 21.06.2024
आपके दृष्टिकोण से योग के गहन आध्यात्मिक पहलुओं पर बल देना सराहनीय है। यह सत्य है कि सतही उत्सवों में इस ज्ञान की पूर्ण अभिव्यक्ति नहीं हो पाती। प्रभावी रूप से इस पहल को आगे बढ़ाने हेतु हमें शैक्षणिक संस्थानों में योग को curriculum‑integrated रूप में सम्मिलित करना चाहिए। इस प्रकार, युवा पीढ़ी को सिद्धांत एवं अभ्यास का संतुलित समझ प्रदान किया जा सकेगा।
prabin khadgi 21.06.2024
चंद्रा साहब द्वारा प्रस्तुत किए गये व्यावहारिक दृष्टिकोण को देखते हुए, यह स्पष्ट होता है कि योग को केवल व्यक्तिगत अभ्यास तक सीमित रखना आधुनिक समाज की जटिल आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर पाएगा। प्रथम, हमें इस आंदोलन को बहु‑स्तरीय ढाँचे में व्यवस्थित करना होगा, जहाँ नीतिगत स्तर, शैक्षणिक संस्थान, तथा निजी‑सार्वजनिक साझेदारी सभी सम्मिलित हों। द्वितीय, डेटा‑ड्रिवेन मॉडल को अपनाकर विभिन्न आयु‑समूहों में योग के प्रभाव को मापना अनिवार्य है, जिससे नीति‑निर्माताओं को स्पष्ट दिशा‑निर्देश मिल सकें। तृतीय, तकनीकी एकीकरण के संदर्भ में, wearable devices और AI‑based posture correction tools को सम्मिलित कर, प्रैक्टिशनर्स को वास्तविक‑समय feedback प्रदान किया जा सकता है। चतुर्थ, सार्वजनिक स्वास्थ्य में योग के योगदान को मान्यता देते हुए, बीमा कंपनियों को प्री‑मियम छूट प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, जिससे अधिक जनसंख्या इसका लाभ उठा सके। पंचम, ग्रामीण क्षेत्रों में योग केन्द्र स्थापित करने हेतु, स्थानीय प्रशिक्षकों को certification कार्यक्रमों के माध्यम से सक्षम बनाना चाहिए, जिससे कौशल का प्रसार हो। षष्ठ, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देते हुए, यू.एन. के मंच पर भारत की पहल को एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत करना आवश्यक है, जिससे अन्य राष्ट्र भी समान कार्यक्रम अपनाएँ। सप्तम, योग को स्कूल‑आधारित curricula में integrate करके, बच्चों में early life में ही मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक लचीलापन विकसित किया जा सकता है। अष्टम, डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर विस्तृत प्रशिक्षण मॉड्यूल उपलब्ध कराकर, दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले लोग भी उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। नवम्, इस सभी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु, एक स्वतंत्र ऑडिट फ्रेमवर्क स्थापित करना चाहिए, जिससे प्रोजेक्ट की प्रगति का मूल्यांकन किया जा सके। दशम्, सरकार को नियमित रूप से योग‑संबंधित रिसर्च को फंड करना चाहिए, जिससे नई विज्ञान‑आधारित विधियों का विकास हो। अंततः, इन सभी उपायों के सफल कार्यान्वयन से न केवल राष्ट्रीय स्वास्थ्य संकेतकों में सुधार होगा, बल्कि सामाजिक बंधन भी सुदृढ़ होगा। इस प्रकार, योग दिवस केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि व्यापक सामाजिक परिवर्तन की नींव बन सकता है।
Aman Saifi 21.06.2024
योग को सबके लिए सुलभ बनाना ही हमें सच्ची एकता की ओर ले जाएगा।