वित्त वर्ष 2024-25 के बजट का उद्देश्य एवं अनुमान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 22 जुलाई, 2024 को आर्थिक सर्वेक्षण पेश करते हुए आगामी वित्त वर्ष के लिए महत्वपूर्ण विकास योजनाओं और नीतियों की घोषणा की। सर्वेक्षण में एफवाई25 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.5% से 7% तक पहुंचने की संभावना जताई गई है। इस वर्ष के बजट में उच्च पूंजी व्यय, ग्रामीण अर्थव्यवस्था का समर्थन और रोजगार सृजन जैसी प्रमुख नीतियों पर बल दिया गया है।

उच्च पूंजी व्यय के माध्यम से विकास

आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2024-25 में सरकार ने ₹11.11 लाख करोड़ के पूंजी व्यय की योजना बनाई है। यह राशि पिछले वर्ष की तुलना में बहुत अधिक है और इस बार प्रमुख क्षेत्रों जैसे रेलवे, सड़कें, और शहरी विकास पर अधिक ध्यान दिया जाएगा। इन प्रोजेक्ट्स के माध्यम से न केवल देश की आधारभूत संरचना को सुधारने का प्रयास होगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा

बजट में ग्रामीण क्षेत्रों को मजबूत करने पर खास ध्यान दिया गया है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MNREGA) और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत बजट आवंटन में वृद्धि की जाएगी। इन योजनाओं से न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन स्तर में सुधार होगा, बल्कि वहां के लोगों को रोजगार के अधिक अवसर भी मिलेंगे।

मुद्रास्फीति प्रबंधन और हरा विकास

उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना और हरित विकास पर ध्यान देना भी इस वर्ष के बजट के महत्वपूर्ण पहलू होंगे। भारतीय अर्थव्यवस्था के विशेषज्ञ जैसे कि अदिति नायर, अतुल शिंगल, और राजीव यादव ने कहा कि निजी क्षेत्र का समर्थन और मुद्रास्फीति का सही प्रबंधन देश की स्थिर और सतत वृद्धि के लिए आवश्यक हैं।

राजकोषीय समेकन का प्रयास

राजकोषीय समेकन का प्रयास

आर्थिक सर्वेक्षण में राजकोषीय घाटे को 5.1% से नीचे बनाए रखने का लक्ष्य रखा गया है, जिसे एफवाई2026 तक 4.5% तक लाने का प्रयास किया जाएगा। सरकार की इस योजना से राजकोषीय स्थिरता बनाए रखने में मदद मिलेगी और लंबी अवधि में कर्ज के बोझ को भी नियंत्रित किया जा सकेगा।

खाद्य और उर्वरक सब्सिडी के माध्यम से राहत

खाद्य और उर्वरक सब्सिडी के माध्यम से राहत

बजट में उन लोगों को विशेष रूप से राहत देने पर भी जोर दिया गया है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। इसके लिए खाद्य और उर्वरक सब्सिडी और किफायती आवास योजनाओं का प्रावधान किया गया है। इन योजनाओं से सबसे निचले पायदान पर खड़े लोगों को राहत मिलेगी और उनका जीवन स्तर बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।

रोजगार सृजन और सामाजिक कल्याण

सरकार की योजना है कि आधारभूत संरचना परियोजनाओं और अन्य सार्वजनिक कल्याण योजनाओं के माध्यम से रोजगार के नए स्रोत उत्पन्न किए जाएं। इस अपेक्शानुसार, कई बड़ी-बड़ी परियोजनाएं आगामी बजट में शामिल की जाएंगी, जिनसे न केवल रोजगार के मौके मिलेंगे बल्कि देश की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा।

निजी क्षेत्र का समर्थन और निवेश

देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर और मजबूत बनाए रखने के लिए निजी क्षेत्र का समर्थन अति आवश्यक है। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को नीतियों के माध्यम से निजी निवेश को प्रोत्साहित करना चाहिए। इसके लिए खासकर मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखना आवश्यक होगा ताकि निवेशकों के विश्वास में बढ़ोतरी हो सके।

उम्मीदें और चुनौतियां

उम्मीदें और चुनौतियां

बजट 2024 से उम्मीदें बहुत हैं। जहां एक ओर आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के ऊंचे लक्ष्य रखे गए हैं, वहीं दूसरी ओर इन लक्ष्यों को पाने के लिए चुनौतियों का सामना भी करना पड़ेगा। जैसे-जैसे देश की अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है, वैसे-वैसे यह बजट देश के आर्थिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।