जब मुंवर फरुकी, भारतीय स्टैंड‑अप कॉमेडियन और बिग बॉस के पूर्व प्रतिभागी, दिल्ली में एक कार्यक्रम से लौट रहे थे, तभी दिल्ली पुलिस ने एक जानलेवा साजिश को चोटियों पर पकड़ लिया। 2 अक्टूबर 2025 को सुबह 3 बजे, जयतपुर‑कलिंदी कुंज रोड (नई फ्रेंड्स कॉलोनी के निकट) पर विशेष सेल की टीम ने दो गोलीबारी करने वाले—राहुल (29) और साहिल (37)—को घातक निशाने से रोक कर गिरफ्तार किया। यही नहीं, जांच में पता चला कि वे रोहित गोदारा और गोल्डी ब्रार के विदेशी ठेके पर कार्य कर रहे थे।

पार्श्वभूमि: कॉमेडी, धर्म और तंज पर तनाव

मुंवर फरुकी ने अपने प्रदर्शन में कई बार हिन्दू देवताओं पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी की है, जिससे पिछले वर्षों में कई बार कानूनी झड़पें हुईं। 2021 में मध्य प्रदेश में उनके खिलाफ FIR दायर हुई थी, और पिछले साल मुंबई में उन्हें थोड़े समय के लिए हिरासत में ले लिया गया था। ऐसे विवादों के चलते अंडरवर्ल्ड गैंगों की नज़र इस पर पड़ी, विशेषकर उन समूहों पर जो धार्मिक‑सांस्कृतिक मुद्दों का पूँजीकरण करते हैं।

विस्तृत घटना विवरण

जैसे ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को भरोसेमंद इंटेलिजेंस मिली, उन्होंने एक जाल बिछाया। राहुल, जो पैनिपत, हरियाणा से है, और साहिल, जो भूवनी से है, मोटरसाइकिल पर सवार होकर पुलिस को रोकने के आदेश पर आगे बढ़े। अधिकारी ने वाहन को रोकने का संकेत दिया, पर दोनों ने गोली चलाते हुए प्रतिरोध किया। घातक वार्तालाप की बजाय, हाथ‑हाथ टकराव हुआ, जिसमें दोनों शूटरों की टांगें घायल हुईं। पुलिस ने तुरंत उन्हें हिरासत में ले लिया और निकटतम अस्पताल में इलाज के लिए भेजा।

गुंडकों की कड़ी और अंतरराष्ट्रीय जुड़ाव

इंटरोगेशन के दौरान, राहुल और साहिल ने स्वीकार किया कि उन्होंने थ्रेटेड गैंगस्टर रोहित गोदारा और गोल्डी ब्रार से सीधे आदेश प्राप्त किए थे। दोनों ही अब विदेश में छिपे हुए हैं और विरेंद्र चरण के साथ मिलकर इस मिशन का संचालन कर रहे थे। पुलिस का मानना है कि यह समूह अंतरराष्ट्रीय ड्रग नेटवर्क से जुड़ा है और सार्वजनिक हस्तियों को निशाना बनाकर आपराधिक पैटर्न स्थापित कर रहा है।

पहले की विफल कोशिश

रिपोर्ट्स के अनुसार, इस गैंग ने पहले बेंगलुरु में वही कार्य करने की कोशिश की थी, पर फरुकी ने अचानक गाड़ी बदल ली, जिससे उनका प्लान टुट गया। इस "रीकोनिसेंस" दौर में दोनों शूटरों ने मुंबई, बेंगलुरु सहित कई शहरों में फरुकी के शेड्यूल, आवास और बंदरगाहों को ट्रैक किया था।

राहुल का अतिरिक्त आपराधिक इतिहास

राहुल पर पिछले दिसंबर 2024 में हरियाणा के यमुना नगर में हुई त्रिपर हत्या केस (तीन लोगों की गुप्तहत्या) का भी आरोप है। इस कारण वह एक इंटरपोलेशन वारंट के तहत चल रहा था, जिससे इस हत्या प्रयास के गंभीर स्वरूप को और स्पष्ट किया गया।

पुलिस की प्रतिक्रिया और भविष्य की योजना

जेलर इंस्पेक्टर अजय कुमार (विशेष सेल) ने कहा, “हमने न केवल एक संभावित हत्या को रोका, बल्कि इस तरह के संगठित अपराध नेटवर्क को उजागर किया है। अब हम इस केस की पूरी जाँच जारी रखेंगे और बिंदु बिंदु पर जुड़े संगठनों को गिराने की कोशिश करेंगे।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि अपराधियों के साथ जुड़े अन्य अंडरवर्ल्ड सदस्यों की तलाशी जारी है।

समाज पर असर और विशेषज्ञ मत

कॉन्ट्राबैंडर और सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ. रवींद्र सिंह का मानना है कि यह असफल अक्रम भारतीय पब्लिक फिगर सुरक्षा के बफ़र को दोबारा जांचने की जरूरत बताता है। “यदि सार्वजनिक व्यक्तियों को इस तरह की लक्ष्यबद्ध धमकी मिलती है, तो सुरक्षा एजेंसियों को इंटेलिजेंस नेटवर्क को तेज़ और प्रोएक्टिव बनाना होगा,” उन्होंने कहा।

आगे क्या हो सकता है?

अगले हफ्तों में न्यायिक प्रक्रिया में रहस्य प्रकाश में आएगा। विदेश में रहने वाले रोहित गोदारा और गोल्डी ब्रार के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय रेड़ार पर कार्यवाही का अनुमान है, जबकि विरेंद्र चरण को देश के भीतर पकड़ने के लिए अतिरिक्त ऑपरेशंस चल रहे हैं। इसी बीच, मुंवर फरुकी ने अपनी सोशल मीडिया पर धन्यवाद लिखा, “दिल्ली पुलिस का धन्यवाद, मैं सुरक्षित हूँ, पर इस अनुभव ने मुझे सिखा दिया कि आज की दुनिया में हँसी भी खतरे का कारण बन सकती है।”

Frequently Asked Questions

मुंवर फरुकी को इस हमले से कैसे बचाया गया?

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने प्राप्त इंटेलिजेंस के आधार पर एक जाल बिछाया और सुबह के समय, जब दो शूटर मोटरसाइकिल पर आए, तो उन्हें रोकने के प्रयास में गोलीबारी हुई। समय पर कार्रवाई और तेज़ प्रतिवाद ने हमले को विफल कर दिया।

गैंग के पीछे कौन है और उनका मकसद क्या था?

गैंग के मुख्य दिमाग रोहित गोदारा और गोल्डी ब्रार हैं, जो विदेश में रह रहे हैं। उन्होंने अपने सहयोगी विरेंद्र चरण के माध्यम से फरुकी के खिलाफ हिंसक संदेश दिया, मुख्य कारण उनके द्वारा धार्मिक‑संबंधी मजाक को ‘असम्मानजनक’ मानना था।

राहुल की अन्य साजिशें क्या हैं?

राहुल पर 2024 दिसंबर में हरियाणा के यमुनानगर में हुई त्रिपर हत्या (तीन व्यक्तियों की हत्या) का आरोप है। इस केस के लिए उसके खिलाफ इंटरपोलेशन वारंट जारी था, जिससे उसकी आपराधिक प्रोफ़ाइल और भी घातक बन गई।

क्या इस प्रकार के हमले भविष्य में भी हो सकते हैं?

सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि संगठित अपराधी समूह, विशेषकर जो धार्मिक‑सांस्कृतिक मुद्दों को उत्प्रेरक बनाते हैं, ऐसे लक्षित हमले दोहराने की सम्भावना रखते हैं। इसलिए पुलिस को इंटेलिजेंस नेटवर्क को और सुदृढ़ कर, पब्लिक फ़िगर्स की सुरक्षा प्रोटोकॉल को अपडेट करना होगा।

परिस्थिति में सरकार की क्या भूमिका होगी?

केन्द्रीय और राज्य स्तर पर सुरक्षा एजेंसियों को सामुदायिक जागरूकता बढ़ाने, आतंकवादी वित्तीय प्रवाह को रोकने और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के जरिये विदेशी ठेकेदारों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए कदम उठाने की उम्मीद है।