पंचायत सीजन 3: क्या बदल रहा है फूलेरा?

जैसे ही *Panchayat* का तीसरा सीजन शुरू होता है, दर्शकों को यह महसूस होता है कि शो एक बड़े बदलाव से गुजर रहा है। पहले दो सीजन में हमने फूलेरा गांव की सीधी-सादी और मासूम दुनिया देखी थी, लेकिन अब यह गांव राजनीतिक दांव-पेंच और संघर्ष के नाटकीय परिदृश्य में बदल रहा है।

सीजन 3 का निर्देशन दीपक कुमार मिश्रा ने किया है और लेखन का कार्य चंदन कुमार ने संभाला है। शो के मुख्य कलाकारों में जितेंद्र कुमार, रघुबीर यादव, नीना गुप्ता, फैसल मलिक, चंदन रॉय, सान्विका, दुर्गेश कुमार, पंकज झा, सुनीता रजवार, और आसिफ खान शामिल हैं। इस सीजन में कुल 8 एपिसोड हैं और यह Prime Video पर उपलब्ध है।

कहानी का बदलाव

इस बार की कहानी फूलेरा गांव से जुड़ी बाहरी चुनौतियों पर केंद्रित है। यहां अब पत्रकार, मंत्री, और कानून व्यवस्था से जुड़े लोग भी शामिल हो रहे हैं, जिससे गांव का सरल जीवन जटिलताओं में बदल रहा है। इस बार के सीजन में मुख्य पात्रों जैसे अभिषेक, दुबे जी और प्रह्लाद के किरदार और भी गहराई में नजर आ रहे हैं।

इस सीजन में राजनीति और नाटकीयता पर अधिक जोर दिया गया है, जिससे गांव वालों के बीच की एकता और समुदाय की भावना और अधिक मजबूत होती दिखाई देती है। जबकि शो का मासूम आकर्षण कहीं-कहीं गुम होता नजर आ रहा है।

मुख्य घटनाएं

सीजन की कहानी और भी जटिल लगती है, जिसमें आंतरिक युद्ध, प्रतिद्वंद्विता और अहम की लड़ाइयाँ शामिल हैं। दरअसल, इस बार फूलेरा गांव में एक तरह की 'सिविल वॉर' जैसी स्थिति उत्पन्न हो रही है। शो का अंत भी एक असफल हत्यारे की कोशिश पर होता है, जो 'फनी' म्यूजिक के साथ दिखाया गया है।

शो की यह नई दिशा कुछ ऐसा प्रतीत होती है कि जैसे यह 'Panchayat' सीरीज का कोई और रूप हो। इसके बावजूद, कुछ दृश्य अभी भी मानवीयता से भरे हुए हैं, खासकर के प्रह्लाद के दुख और उसकी देखभाल में सहभागी गांव वालों का चित्रण।

कलाकारों का प्रदर्शन

फैसल मलिक का प्रदर्शन इस बार बेहद प्रभावशाली रहा है। प्रह्लाद के किरदार में उनका ट्रांजिशन एक 'बड़े टेडी बियर' से एक जटिल चरित्र में होता है, जो पीड़ा और दुःख से गुजर रहा है।

निष्कर्ष

निष्कर्ष

सबकुछ मिलाकर, पंचायती का तीसरा सीजन दर्शकों के लिए एक मिश्रित अनुभव हो सकता है। जहां एक ओर शो का आकर्षण अब भी बरकरार है, वहीं दूसरी ओर इसका मासूमियत और सरलता की जगह एक परिपक्व लेकिन कभी-कभी गड़बड़ कहानी ने ले ली है।

फिर भी, यह सीजन देखने लायक है, और शायद यह हमें आने वाले समय में फूलेरा की और भी जटिल और रोचक कहानियों से मिलवा सके।