पेरिस 2024 ओलंपिक्स: महिला 68kg कुश्ती रिंग में निशा दहिया की जोरदार शुरुआत
भारतीय पहलवान निशा दहिया ने पेरिस 2024 ओलंपिक्स के महिला 68kg कुश्ती क्वार्टरफाइनल में उत्तर कोरिया की पाक सोल गुम के खिलाफ धमाकेदार शुरुआत की। पहले राउंड में ही निशा ने 4-0 की बढ़त बना ली थी। दर्शकों में उत्साह चरम पर था क्योंकि निशा की कुश्ती कला और ताकत की झलक दिखा रही थी। दूसरे राउंड में निशा ने अपनी बढ़त 6-1 और फिर 8-1 तक बढ़ा दी।
चोट ने बदल दिया मैच का रुख
जब मैच अपने चरम पर था, तभी निशा के साथ एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी। निशा के अंगुली का हड्डी खिसक गई जिससे वे तीव्र दर्द में आ गईं। मैच के दौरान उन्हें तुरंत चिकित्सा सहायता दी गई, लेकिन दर्द के बावजूद निशा ने हार मानने से इंकार कर दिया और मैच जारी रखा। हालांकि, उनकी शारीरिक स्थिति स्पष्ट रूप से कमजोर हो गई थी।
पाक सोल गुम ने निशा की इस कमजोर स्थिति का फ़ायदा उठाया और धीरे-धीरे अंक जुटाने लगीं। मैच का तनाव बढ़ता गया और अंततः पाक सोल गुम ने 10-8 से बहुवान मैच जीत लिया।
क्वार्टरफाइनल तक का सफर
इससे पहले, निशा दहिया ने राउंड ऑफ 16 में यूक्रेन की टेटियाना सोवा को 6-4 से मात दी थी। उनकी इस जीत ने उनकी कुशलता और दृढ़ता को साबित किया था। ओलंपिक्स में निशा के प्रदर्शन ने उन्हें प्रशंसकों के दिलों में जगह दिला दी थी।
हालांकि निशा क्वार्टरफाइनल मैच नहीं जीत पाई, लेकिन उनकी जुनून और संघर्ष की भावना सर्वत्र प्रिय हुई।
आगे की राह और भारतीय कुश्ती का अभियान
चोटिल होने के बाद, निशा को एरेना से बाहर ले जाया गया, लेकिन उनके आगे की राह पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है। यदि पाक सोल गुम फाइनल में पहुँचती हैं, तो निशा के पास रेपचाज राउंड में प्रतिस्पर्धा करने और मेडल जीतने का एक और मौका रहेगा।
भारतीय कुश्ती दल के लिए यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण चरण है। निशा के भावनात्मक विदाई के बावजूद, टीम के अन्य सदस्यों का भी मनोबल ऊँचा है और वे पदक जीतने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
निशा दहिया की इस लड़ाई ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारतीय खिलाड़ियों में जुनून और संघर्ष की भावना कभी कम नहीं होती। उम्मीद है कि निशा जल्द स्वस्थ होंगी और हमें उनके और भी बेहतरीन प्रदर्शन को देखने का अवसर मिलेगा।
Aishwarya R 6.08.2024
निशा की शुरुआत ही धमाकेदार थी, चार राउंड में ही 8‑1 की बढ़त बना ली.
Vaidehi Sharma 6.08.2024
किफ़ायतन देखो, चोट के बावजूद निराश नहीं हुई, फिर भी वो रिंग में वापस आ गई 😅👍
Jenisha Patel 6.08.2024
निशा दहिया ने राउंड‑ऑफ़‑16 में यूक्रेन की टेटियाना सोवा को 6‑4 से मात दी, यह उनके तकनीकी कौशल एवं दृढ़ता का प्रमाण है, जबकि क्वार्टरफ़ाइनल में सामना किया उत्तर कोरिया की पाक सोल गुम से, जिसमें दुर्भाग्यवश अंगुली की हड्डी खिसक जाने के कारण उनका प्रदर्शन प्रभावित हुआ, इस प्रकार खेल का परिणाम बदल गया।
Ria Dewan 6.08.2024
ओह, दर्द के साथ लड़ना तो रिंग में सबसे रोमांटिक कहानी है, है न?
rishabh agarwal 6.08.2024
जैसे ही चोट की खबर आई, टीम के बाकी सदस्य मिलकर समर्थन की लहर पैदा कर रहे हैं, यह देखना सुखद लगता है कि हम सब मिलकर एक दूसरे की मदद कर रहे हैं।
Apurva Pandya 6.08.2024
खेल में इमानदारी और साहस की जरूरत होती है, लेकिन चोट को बहाना बनाकर हार मान लेना ठीक नहीं 😊।
Nishtha Sood 6.08.2024
निशा की हार हमें यह सिखाती है कि जीवन में संघर्ष अनिवार्य है, लेकिन उनका जुनून हमें प्रेरित करता रहेगा। भविष्य में स्वस्थ शरीर और मन से वह फिर से मंच पर आएँगी, हमें अपने समर्थन को जारी रखना चाहिए।
Hiren Patel 6.08.2024
निशा की शुरुआती छाप जैसे बिजली की चमक थी। उनका आक्रमण तेज़, चपल और दिमागी था। हर पकड़ में उन्होंने अपनी ताकत का प्रमाण दिया। जब चोट आई, तो दर्शकों के चेहरों पर चकित अभिव्यक्ति थी। दर्द के बावजूद उन्होंने डटे रहने का फैसला किया। यह दृढ़ता हमारे दिल को छू गई। प्रतिस्पर्धी ने इस झटका को फायदेमंद बनाया, लेकिन यह भी दिखाता है खेल की अनपेक्षितता। ओलंपिक मंच पर भारतीय महिलाओं की ताकत अब और अधिक स्पष्ट हो गई। इस अनुभव से सीख लेकर निशा को और भी बेहतर बनना चाहिए। उनका प्रशिक्षण अब नई ऊँचाइयों पर पहुँच रहा होगा। कोचिंग स्टाफ ने तुरंत प्रतिक्रिया दी, जो पेशेवर माहौल का प्रमाण है। भारतीय कुश्ती संघ को आगे भी ऐसी कठिनाइयों के लिए तैयार रहना चाहिए। दर्शकों ने भी इस संघर्ष को गले लगाते हुए जयकार की। यह कहानी हमें याद दिलाती है कि जीत सिर्फ अंक नहीं, बल्कि साहस का भी प्रमाण है। आशा है निशा शीघ्र स्वस्थ होंगी और अगली बार फिर से जीत की ओर बढ़ेंगी।
Heena Shaikh 6.08.2024
दुर्दैवपूर्ण चोट को वैध बहाना बनाकर हार को स्वीकार करना, यह बस एक बेकार बहाना है जो दर्शाता है कि वास्तविक जीत की परिभाषा क्या है।
Chandra Soni 6.08.2024
सच्ची डोमिनेंस और पिच पर फोकस रखकर, हमारी टीम को अब स्ट्रैटेजिक एंगेजमेंट को बढ़ावा देना होगा, ताकि आगे के मैच में टॉप परफॉर्मेंस दिखा सकें और मेडल पायलट को टॉप पर ले जा सकें।