भारतीय उद्योग जगत के दिग्गज का निधन

भारतीय उद्योग जगत के सबसे प्रसिद्ध नामों में से एक, रतन टाटा, का 86 वर्ष की आयु में मुंबई में निधन हो गया। उनका निधन बुधवार शाम, 9 अक्टूबर 2024 को हुआ। देशभर में उनके निधन से एक गहरी शोक की लहर दौड़ गई है। रतन टाटा का कार्यकाल और उनकी जीवन यात्रा में उनके योगदान अनमोल रहे हैं, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे। यह खबर न केवल उद्योग जगत के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ी क्षति है।

उनकी अनमोल विरासत

रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था। वह 1991 से 2012 तक टाटा समूह के अध्यक्ष रहे। इस दौरान उन्होंने समूह को नई ऊँचाइयों तक पहुंचाया। टाटा समूह को उनके नेतृत्व में असामान्य विस्तार और सफलता प्राप्त हुई। उनके कार्यकाल में, टाटा टेली सर्विसेज जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाओं की स्थापना हुई और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज का 2004 में लिस्टिंग किया गया। वे सिर्फ एक प्रमुख उद्योगपति नहीं थे, बल्कि एक दानशील और दयालु व्यक्ति भी थे, जिन्होंने अपने कर्मचारियों को हमेशा परिवार की तरह माना।

आखिरी दिन और स्वास्थ्य

रतन टाटा के स्वास्थ्य में कुछ समय से समस्या चल रही थी। हाल के दिनों में उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं था, हालांकि उनकी ट्विटर पर ताजा पोस्ट ने लोगों को यह विश्वास दिलाया था कि वह सामान्य स्वास्थ्य परीक्षण करा रहे हैं। लेकिन अचानक से उनकी तबियत बिगड़ी और वे हमसे चले गए। उनकी अनुपस्थिति एक अपूरणीय क्षति है, और देश उनके योगदान के लिए हमेशा ऋणी रहेगा।

भारतीय उद्योग के लिए उन्नति

रतन टाटा का योगदान भारतीय उद्योग के क्षेत्र में अद्वितीय रहा है। उन्होंने न केवल अपनी कंपनी के आर्थिक स्तर को ऊँचा किया बल्कि अपनी प्रभावशाली नेतृत्व शैली के जरिये इसे भारत से बाहर वैश्विक मंचों पर भी पहचान दिलाई। उनकी पहल ने टाटा समूह को वैश्विक स्तर पर ब्रांड के रूप में स्थापित किया। यह उनके दूरदर्शी दृष्टिकोण और अपनापन के कारण संभव हो सका। उनके दिशा निर्देशन में, समूह ने कई विदेशी कंपनियों का अधिग्रहण किया और कई नए क्षेत्रों में प्रवेश किया।

फिल्म और समाज सेवाएँ

उनकी दिलचस्पी व्यवसाय के अलावा सामाज सेवा में भी थी। उन्होंने कई परोपकारी गतिविधियों और परियोजनाओं को अंजाम दिया। वे शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता के लिए भी हमेशा तत्पर रहते थे। उन्होंने टाटा ट्रस्ट की स्थापना की, जिसने शिक्षा, स्वास्थ्य और समाज कल्याण के क्षेत्र में काफी काम किया। इस प्रकार उनकी सेवाएँ समाज के विभिन्न स्तरों पर फैली हुई थीं।

उनकी विरासत की अनुगूंज

रतन टाटा की मृत्यु उद्योग जगत के लिए एक बड़ी क्षति है। वे न केवल व्यापारिक सफलता के लिए बल्कि नीति और नेतृत्व के मापदंडों को स्थापित करने में भी एक आदर्श बन गए। उनके अनुकरणीय जीवन और कार्य प्रणाली ने उन्हें वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया। उनकी विचारधारा, संरक्षण और समाज की सेवा करने की भावना ने उन्हें अद्वितीय बना दिया।

उनका अंतिम विदाई

रतन टाटा के निधन पर उनकी स्मृति में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उनकी अंतिम विदाई मुंबई में की जाएगी, जहां बड़ी संख्या में उनके प्रशंसक और चाहने वाले उन्हें श्रृद्धांजलि देने आएंगे। वे हमेशा लोगों की स्मृतियों में जीवित रहेंगे और उनके आदर्श आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देते रहेंगे। उनका नाम व्यवसायिक प्रतिष्ठान के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित रहेगा।