ब्रेस्ट कैंसर: पहचानें, जांच कराएं और समय पर कदम उठाएं
क्या आपको लगता है कि स्तन में कोई गांठ या बदलाव छोटा मामला है? कई बार लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन समय पर पहचान और जांच जिंदगी बचा सकती है। यहाँ सीधे और काम की जानकारी मिलेगी — लक्षण, जांच, इलाज और रोज़मर्रा की सावधानियाँ।
लक्षण और चेतावनी संकेत
ब्रेस्ट कैंसर के कुछ आम संकेत आसान होते हैं: स्तन या ब्रेस्ट में कोई नए तरह की गांठ, निप्पल से असामान्य तरल का आना (रक्तयुक्त भी हो सकता है), निप्पल का अंदर की ओर धँस जाना, त्वचा पर खिंचाव या लालिमा, स्तन के आकार में अचानक बदलाव, या बगल के हिस्से में सूजी हुई गांठ। यह जरूरी नहीं कि हर बदलाव कैंसर हो, पर किसी भी नए या लगातार लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से मिलें।
स्क्रीनिंग, निदान और क्या अपेक्षा रखें
40 साल के बाद नियमित स्क्रीनिंग पर विशेष ध्यान दें — कई देशों में 40-50 साल के बाद माँमोोग्राफी की सलाह दी जाती है। परिवार में किसी को स्तन कैंसर रहा हो तो उम्र कम होने पर भी जांच जरूरी है। निदान के लिए डॉक्टर सामान्यतः क्लिनिकल परीक्षण, माँमोोग्राफी, अल्ट्रासाउंड और जरूरत पड़ने पर बायोप्सी करवाते हैं। बायोप्सी से ही बीमारी की पुष्टि और टाइप पता चलता है, जो इलाज की योजना तय करता है।
डॉक्टर से क्या पूछें? बायोप्सी का प्रकार, ट्यूमर का आकार और स्टेज, इम्यूनोहिस्टोकेमिस्ट्री रिपोर्ट (ER/PR/HER2), इलाज के विकल्प और साइड‑इफेक्ट्स—इन सवालों की सूची बनाकर जाएँ। इलाज में सर्जरी, रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी, हॉर्मोनल थेरेपी या टारगेटेड थेरेपी बिल्कुल व्यक्तिगत होती है।
क्या इलाज दर्दनाक होगा? हर किसी का अनुभव अलग होता है। आधुनिक तकनीकें और दर्द प्रबंधन बेहतर हैं। इलाज से पहले अपने डॉक्टर से सपोर्ट सर्विसेज, पोषण और मानसिक सहायता के बारे में पूछें।
रोकथाम के व्यवहारिक उपायों में नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, धूम्रपान और अत्यधिक शराब से बचाव, और वजन नियंत्रित रखना मददगार साबित होते हैं। स्तन सैल्फ-चेक हर महीने करने की आदत डालें — इससे किसी भी बदलाव का पता जल्दी लगेगा।
अगर परिवार में BRCA जीन म्यूटेशन जैसे जोखिम वाले कारक हों तो जेनेटिक काउंसलिंग और निगरानी पर विचार करें। कम जोखिम वाले लोगों के लिए भी जागरूक रहना ज़रूरी है।
समर्थन महत्वपूर्ण है: निदान के बाद अकेले न रहें—परिवार, मित्र और सपोर्ट ग्रुप मदद करते हैं। अस्पतालों में मरीज समर्थन सेवाएं, काउंसलिंग और रिहैबिलिटेशन उपलब्ध होते हैं।
अगर आपने अभी भी कोई बदलाव देखा है या स्क्रीनिंग लंबित है, देर न करें। वक्त रहते की गई जांच और इलाज आपके लिए फर्क बना सकते हैं। किसी भी सवाल पर अपने नजदीकी डॉक्टर से बात करिए और विश्वसनीय स्रोतों से जानकारी लें।