कृषि मशीनरी: किसानों के लिए जरूरी जानकारी और नवीनतम अपडेट

कृषि मशीनरी आज के किसान की सबसे बड़ी मददगार बन गई है। ट्रैक्टर, हल, ड्राइवर, स्प्रिंकलर – सब एक साथ मिलकर खेत में काम को तेज और कम मेहनती बनाते हैं। इस लेख में हम बताएंगे कि कौन‑से मशीनें सबसे ज़्यादा काम आती हैं, नई तकनीक क्या है, और सही मशीन कैसे चुनी जाए। पढ़ते रहिए, आप को सही जानकारी मिलती रहेगी।

मुख्य कृषि मशीनें और उनके काम

सबसे पहले बात करते हैं ट्रैक्टर की। 20 हाइपर से 150 हाइपर तक के मॉडल बाजार में उपलब्ध हैं। छोटे खेतों के लिये 20‑30 हाइपर वाला हल्का ट्रैक्टर ठीक रहता है, जबकि बड़े खेतों में 80‑150 हाइपर वाला हाई पावर मॉडल ज़रूरी होता है। ट्रैक्टर के साथ एटीवी (ऑल‑ट्रैक्टर वैक्यूम) या टिलर जोड़ने से जुताई और बुवाई एक ही काम में हो जाती है।

हैल के अलावा, रोटावेटर (रोटरी टिलर) भी लोकप्रिय है। यह मिट्टी को फाइन करके निचले स्तर पर भी पानी की धारण शक्ति बढ़ाता है। अगर आप फसल बदलते हैं तो रोटावेटर एक बार में सब काम कर देता है – ज़मैंट का टर्नओवर, जौ, धान या गन्ने की बुवाई के लिये तैयार।

नयी तकनीक और सरकारी योजनाएं

आजकल GPS‑सक्षम ट्रैक्टर और ड्रोन‑आधारित स्प्रिंकलर बाज़ार में आ रहे हैं। GPS‑ट्रैक्टर को आप ऐप से कंट्रोल कर सकते हैं, जिससे फसल का क्षेत्र ठीक‑ठीक तय होता है और इंधन बचता है। ड्रोन‑स्प्रेयर से कीट नियंत्रण तेज़ और कम लागत वाला हो गया है, विशेषकर बड़े बागानों में।

सरकार भी किसानों को मदद कर रही है। प्रधानमंत्री कृषि सम्पन्नता योजना (PMKSY) के तहत 25 % तक सब्सिडी मिलती है जब आप नई मशीनें खरीदते हैं। इसके अलावा, कृषि ऋण पर ब्याज कम करने के लिए विभिन्न बैंक विशेष योजनाएं चलाते हैं। इन सब्सिडी और ऋणों का फायदा उठाने के लिये नजदीकी कृषि विभाग या बैंक से संपर्क करें।

मशीन खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखें। पहले तो अपने खेत का आकार और जमीन की प्रकृति देखें – अगर मिट्टी बहुत पतली है तो हल्की मशीनें बेहतर रहेंगी। फिर, सर्विस सेंटर की उपलब्धता जाँचें; यदि आपके नजदीक कोई भरोसेमंद सर्विसिंग हब नहीं है तो रखरखाव में दिक्कत हो सकती है। अंत में, लोन या सब्सिडी के डॉक्यूमेंट सही से तैयार रखें ताकि बाद में झंझट न हो।

रखरखाव की बात भी ज़रूरी है। हर सीजन के बाद मशीन को साफ‑सुथरा रखें, तेल बदलें और फिल्टर चेंज करें। अगर किसी हिस्से में आवाज़ आ रही हो तो तुरंत मैकेनिक को दिखाएँ; छोटी समस्या बड़ी ख़राबी में बदल सकती है। नियमित सर्विसिंग से मशीनें लम्बे समय तक चलती हैं और फसल की पैदावार भी बढ़ती है।

आख़िर में, आप चाहे छोटे किसान हों या बड़े फार्म का मालिक, सही कृषि मशीनरी आपके काम को आसान बनाती है और आय बढ़ाती है। वैराग समाचार पर आप सभी नई खबरें, तकनीकी अपडेट और सरकारी योजना की जानकारी पा सकते हैं। तो आगे बढ़िए, अपनी खेती को आधुनिक बनाइए और बेहतर फ़ायदा उठाइए।

GST रिफॉर्म 2025: ट्रैक्टर और कृषि मशीनों पर कर 5%—किसानों को बड़ी राहत

GST रिफॉर्म 2025: ट्रैक्टर और कृषि मशीनों पर कर 5%—किसानों को बड़ी राहत

सरकार ने 3 सितंबर 2025 को ट्रैक्टर, टायर- पाट्र्स और खेती की मशीनों पर जीएसटी 12%/18% से घटाकर 5% कर दिया। बायो-पेस्टीसाइड, माइक्रोन्यूट्रिएंट, ड्रिप-स्प्रिंकलर भी 5% स्लैब में आए। दूध और चीज पर जीएसटी हटाया गया, घी-बटर पर दरें घटीं। किसानों की ट्रैक्टर खरीद पर 25,000 से 63,000 रुपये तक की बचत होगी। 5% दर से आईटीसी बना रहेगा और कीमतें स्थिर रहेंगी।

Abhinash Nayak 9.09.2025