जब U.S. Department of Homeland Security ने अगस्त 2025 में नया नियमन प्रस्तावित किया, तो त्वरित प्रतिक्रिया मिली – विशेषकर उन अंतरराष्ट्रीय छात्रों से जो F‑1 वीज़ा पर अमेरिका में पढ़ रहे हैं। प्रस्तावित बदलाव ‘Duration of Status’ (DoS) प्रणाली को समाप्त करके, छात्र जीवनकाल को चार साल के भीतर सीमित कर देगा और कई नई प्रतिबंध लाएगा।
नए नियमों का सारांश
केंद्रीय नियमों में चार मुख्य बिंदु शामिल हैं:
- DoS प्रणाली का ख़त्म होना – अब छात्रों को केवल पूर्ण‑समय पढ़ाई जारी रखने पर ही वैध रहने की अनुमति नहीं रहेगी।
- उपस्थिति अवधि को अधिकतम चार साल तक सीमित करना, जिसके बाद विस्तारित रहने के लिए U.S. Citizenship and Immigration Services (USCIS) में अनुदान के लिए आवेदन करना पड़ेगा।
- पहले साल में स्नातक छात्रों की ट्रांसफ़र अनुमतियों को केवल ‘अत्यावश्यक परिस्थितियों’ तक सीमित करना, जैसे किसी कॉलेज का बंद होना।
- स्नातकोत्तर छात्रों के लिए प्रोग्राम या स्कूल बदलने के बीच में कड़े रोड़े – बदलाव के लिए विशेष कारण और अधिक दस्तावेज़ी दलीलें चाहिए होंगी।
पिछले साल की नीतियों का प्रभाव
इन प्रस्तावों की पृष्ठभूमि में 2025 की शुरुआत में ट्रम्प प्रशासन की कई विवादित नीतियाँ थीं। विशेष रूप से Student Criminal Alien Initiative ने 1.3 मिलियन अंतरराष्ट्रीय छात्रों के नामों को फेडरल आपराधिक डेटाबेस में डाला और 4,700 से अधिक F‑1 वीज़ा निरस्त किए। बाद में अमेरिकी फ़ेडरल कोर्ट ने इस कार्रवाई को असंवैधानिक ठहराया और कई छात्रों के SEVIS रिकॉर्ड पुनः सक्रिय कर दिए।
इस बीच, मई 28, 2025 को विदेश सचिव Marco Rubio ने चीनी छात्रों के वीज़ा आवेदन पर नई जाँच की घोषणा की, जिससे कुछ क्षेत्रों में आवेदन प्रक्रिया में देरी और अतिरिक्त दस्तावेज़ी जाँच की आवश्यकता पैदा हुई।
छात्रों और विश्वविद्यालयों की प्रतिक्रियाएँ
नियमों के प्रस्ताव पर कई छात्र समूहों ने गहन चिंता जताई। नॉर्वे‑संसद के छात्र संघ के प्रवक्ता एम्मा ग्रैनो ने कहा, “यदि DoS को हटाया गया तो कई छात्र अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़ने के जोखिम में पड़ेंगे।” उसी दिन, यू.एस. के प्रमुख निजी विश्वविद्यालयों में से एक, Stanford University, ने कहा कि वे नई नियमावली के तहत छात्र वीज़ा प्रक्रियाओं को सुविधाजनक बनाने के लिए अपने अंतरराष्ट्रीय ऑफिस को सुदृढ़ करेंगे।
वहीं, अमेरिकी इमिग्रेशन वकील रॉबर्ट ली ने नोट किया, “छात्रों को अब हर बार कार्यक्रम परिवर्तन या ट्रांसफर पर विस्तृत प्रमाण‑पत्र जमा करने पड़ेंगे, जो कई मामलों में असंभव हो सकता है।” उन्होंने यह भी चेताया कि छोटे समय में कई छात्रों को वैध रहने के लिए एक्सटेंशन के लिए फाइल करना पड़ेगा, जिससे USCIS पर काम का बोझ बढ़ेगा।
व्यापक प्रभाव और आगे क्या?
इन परिवर्तनें न केवल छात्रों के व्यक्तिगत भविष्य को, बल्कि अमेरिकी शिक्षा उद्योग की आकर्षण शक्ति को भी प्रभावित करेंगी। 2024 में, विदेशी छात्रों से अमेरिकी उच्च शिक्षा संस्थानों की आय लगभग $20 बिलियन थी; यदि नए नियम लागू होते हैं, तो संभावित रूप से इस राजस्व में 10‑15% की गिरावट देखी जा सकती है। साथ ही, विदेशी छात्रों के कमी से अनुसंधान एवं नवाचार में भी गिरावट आ सकती है, क्योंकि कई पी.एच.डी। छात्र और पोस्ट‑डॉक्टर अमेरिकी प्रयोगशालाओं में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
भविष्य को देखते हुए, कई विश्वविद्यालयों ने योजना बनाई है कि वे छात्रों को वैकल्पिक इमिग्रेशन विकल्प, जैसे J‑1 एक्सचेंज विज़ा या O‑1 विशिष्ट योग्यता विज़ा, की दिशा में मार्गदर्शन करेंगे। सरकारी पक्ष से अभी तक अंतिम नियम नहीं निकले हैं, लेकिन उम्मीद है कि 2026 के प्रारम्भ तक सभी प्रतिबंध प्रभावी हो सकते हैं।

इतिहास में इस तरह के बदलाव
अमेरिका में वीज़ा नीतियों में बड़े बदलावों का इतिहास लंबा है। 1990 के दशक में “Post‑Completion Optional Practical Training” (OPT) में बदलाव ने छात्रों को स्नातक के बाद दो साल तक रोजगार करने की अनुमति दी, जिसने टेक‑इंडस्ट्री को बहुत फायदा पहुँचाया। इसी तरह, 2014 में H‑1B कैप‑गैप विस्तार ने छात्रों को स्नातक के बाद काम जारी रखने की सुविधा दी। लेकिन हर बार इस तरह के बदलावों के साथ शुरुआती हिचकिचाहट और अनिश्चितता आती रही है – जैसा कि 2025 की वर्तमान स्थिति दिखा रही है।
क्या अगला कदम होगा?
कुल मिलाकर, इन नियामक प्रस्तावों का अंतिम रूप अभी भी सार्वजनिक सुनवाई और विश्वविद्यालयों के अभिवादन के बाद निर्धारित होगा। इस बीच, छात्रों को सलाह दी जा रही है कि वे अपने अंतरराष्ट्रीय छात्र कार्यालय से नियमित रूप से अपडेट लेते रहें और यदि आवश्यक हो तो इमिग्रेशन वकील से परामर्श लें। विधानपरिषद में व्याख्यान और वेबिनार आयोजित हो रहे हैं, जहाँ विशेषज्ञ नई नीतियों के व्यावहारिक प्रभावों पर चर्चा करेंगे।
Frequently Asked Questions
नए नियम कब लागू होंगे?
वर्तमान ड्राफ्ट प्रस्ताव को सार्वजनिक टिप्पणी चरण में अगस्त 2025 तक समाप्त किया जाना है। अंतिम नियम 2026 की शुरुआत तक प्रभावी होने की संभावना है, लेकिन इससे पहले कोई भी परिवर्तन आधिकारिक रूप से लागू नहीं होगा।
क्या पहले साल में ट्रांसफ़र पूरी तरह से बंद हो जाएगा?
सिर्फ ‘अत्यावश्यक परिस्थितियों’ जैसे कॉलेज बंद होना या प्राकृतिक आपदा को ही मान्य कारण माना जाएगा। अन्य कारणों से ट्रांसफ़र के लिए विशेष अनुमति आवेदन देना पड़ेगा, और यह अनुमति स्वीकृत या अस्वीकृत की जा सकती है।
छात्रों को अपनी वैध स्थिति बनाए रखने के लिए क्या करना पड़ेगा?
छात्रों को अब प्रत्येक चार साल में ‘विस्तारित रहने’ के लिए USCIS में रीकॉल के साथ आवेदन करना होगा, या वैधता समाप्त होने से पहले बाहर जाकर नए वीज़ा के लिए पुनः आवेदन करना पड़ेगा।
इन नियमों का अमेरिकी शिक्षा उद्योग पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
विदेशी छात्रों की संख्या में संभावित गिरावट से विश्वविद्यालयों की ट्यूशन और शोध फंडिंग पर असर पड़ेगा। विशेषज्ञ अनुमान लगाते हैं कि वार्षिक राजस्व में 10‑15% तक कमी आ सकती है, जिससे छात्रवृत्ति और अनुदान पर भी दबाव बढ़ेगा।
क्या छात्रों के पास वैकल्पिक वीज़ा विकल्प हैं?
हां, कई विश्वविद्यालय J‑1 एक्सचेंज विज़ा, O‑1 विशिष्ट योग्यता विज़ा या यदि वे रोजगार पाने में सफल हों तो H‑1B वीज़ा की ओर रुख कर सकते हैं। हालाँकि, प्रत्येक विकल्प की पात्रता शर्तें अलग‑अलग हैं और प्रक्रियाएँ जटिल हो सकती हैं।
Subi Sambi 5.10.2025
देखो भाई, ये नया F‑1 नियम बिल्कुल बेतुका है। सरकार ने छात्रों की मेहनत को ऐसे खारिज कर दिया है। चार साल की सीमा लगाकर कौन‑सी पढ़ाई पूरी कर पाएगा? यूएस में रिसर्च करने वाले कई पीएच.डी. छात्र अब अपना प्रोजेक्ट बीच में छोड़ देंगे। ये सब केवल इमीग्रेशन राज़ी को राज़ी रखने की चाल है।