सस्ती कीमतें और तकनीकी झलक
22 सितंबर 2025 को Flipkart ने अपने बिग बिलियन डेज़ को फुल‑ऑन किया। पहले केवल Black और Plus मेंबर्स को अर्ली‑एक्सेस मिला, फिर सभी यूज़र को खुले हाथों से बुलाते हुए iPhone 16 को 51,999 रुपये में पेश किया गया। यह 128 GB वैरिएंट था, और ज्यादातर मोबाइल प्रेमियों के लिए एक सपने का सौदा लग रहा था।
फ़ोन में 6.1‑इंच OLED डिस्प्ले, 1,600 निट्स पिक‑ब्राइटनेस, और सिरेमिक शील्ड मौजूद हैं। A18 चिप और 8 GB RAM के साथ यह स्मार्टफ़ोन तेज़ और स्मूद चलने का वादा करता है। कैमरा रैंकिंग भी हाई है: 48 MP प्राइमरी सेंसर के साथ 2× टेलीफ़ोटो, 12 MP अल्ट्रा‑वाइड, और 12 MP ट्रू‑डेप्थ सेल्फी कैमरा जो ऑटो‑फ़ोकस करता है।
iPhone 16 Pro की कीमत 74,999 रुपये बताई गई थी, पर क्रेडिट‑कार्ड डिस्काउंट से यह लगभग 5,000 रुपये कम होकर 69,999 रुपये की ऑफर बन गई। प्रो मॉडल में प्रो‑मैक्स प्रोसेसर, बेहतर रिफ़्रेश रेट और टेलीफ़ोटो लेंस अपग्रेड शामिल हैं, जो हाई‑एंड यूज़र को आकर्षित करने के लिए काफी थे।
ऑर्डर कैंसिलेशन के बाद उभरी समस्या
डील के धूमधाम के बीच, सोशल मीडिया पर एक नई लहर उठी – कई खरीदारों को अपने ऑर्डर कैंसिलेशन की नोटिफ़िकेशन मिलीं, जबकि उन्होंने पेमेंट पूरा कर लिया था। कई लोग बताते हैं कि 30‑40 मिनट के भीतर ही उनका iPhone 16 या iPhone 16 Pro का ऑर्डर रद्द हो गया। यही कारण है कि #FlipkartScam जैसी हैशटैग ट्रेंड करने लगीं।
विरोधी पक्ष यह कह रहा है कि एप्पल ने अभी‑ही iPhone 17 लॉन्च किया है, जिससे पुराने iPhone 16 की कीमतें सभी प्लेटफ़ॉर्म पर घट गईं। आधिकारिक तौर पर iPhone 16 की नई कीमत 69,900 रुपये है, इसलिए Flipkart की ऑफर अधिक आकर्षक दिख रही थी। आलोचक मानते हैं कि इस कीमत को बनाए रखने के लिए कुछ आंतरिक स्टॉक मैनेजमेंट त्रुटि या “ट्रैफ़िक‑ड्राइविंग” की रणनीति लागू की गई होगी।
ऐसे में कुछ ग्राहक जिन्होंने अपना फोन प्राप्त किया, उन्होंने अनबॉक्सिंग वीडियो शेयर किया। इन वीडियो में नई बॉक्स, एप्पल की सिग्नेचर पैकेजिंग और फोन की चमकदार डिस्प्ले दिखी। यह स्पष्ट कर रहा है कि सिस्टम में कुछ भाग सही काम कर रहा है, पर कुछ ऑर्डर असिंक्रोनस प्रोसेसिंग या स्टॉक अपडेट में गड़बड़ी के कारण रद्द किए जा रहे हैं।
उपभोक्ता संगठनों ने इस घटना को ई‑कॉमर्स की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए देखा। उन्होंने Flipkart से स्पष्ट बयान, रिफ़ंड की तेज़ प्रक्रिया और भविष्य में समान स्थिति न दोहराने का आग्रह किया है। इस बीच, Flipkart ने आधिकारिक तौर पर कहा कि “टेक्निकल कारणों” से कुछ ऑर्डर रिफ़ंड हो गए, और ग्राहकों को “सुचिकर अनुभव” देने के लिए सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं।
बड़े सेल के साथ Amazon का Great Indian Festival भी चल रहा है, जहाँ iPhone डील्स का मुकाबला हो रहा है। दोनों प्लेटफ़ॉर्म पर मोबाइल कीमतें गिर रही हैं, इसलिए ग्राहकों को समझदारी से खरीदारी करनी चाहिए – कीमत आकर्षक हो सकती है, पर ऑर्डर की पुष्टि और डिलिवरी स्टेटस को लगातार ट्रैक करना जरूरी है।Flipkart Big Billion Days की यह घटना ऑनलाइन शॉपिंग के भविष्य को लेकर कई सवाल खड़े करती है, और यह देखना बाकी है कि कंपनी इस पर कितनी तेज़ी से सुधरती है।
rishabh agarwal 24.09.2025
बिग बिलियन डेज़ में iPhone 16 की कीमत सच में आकर्षक थी, लेकिन बाद में रद्दीकरण की खबर ने मन को थोड़ा उलझा दिया। इस तरह की स्थिति में हमें शांति से स्थिति का विश्लेषण करना चाहिए। संभव है कि स्टॉक मैनेजमेंट में कुछ छोटे‑छोटे गड़बड़े हों। अगर फ्लिपकार्ट इस पर जल्दी से उपाय करता है, तो भरोसा फिर से बन सकता है। अंत में, हम सब के लिए पारदर्शिता ही सबसे बड़ी आवश्यकता है।
Apurva Pandya 24.09.2025
ऐसे धोखाधड़ी वाले प्रैक्टिस को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता 😊। ग्राहक के पैसे को लेकर स्पष्टता जरूरी है, नहीं तो ये नैतिकता का उल्लंघन बनता है। हमें कंपनियों को जवाबदेह बनाना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसा न हो। इसी कारण से हमें सख्त नियमों की जरूरत है।
Nishtha Sood 24.09.2025
उमेद है कि Flipkart जल्द ही समस्या का समाधान निकालेगा। इस तरह की मुश्किलों में भी सकारात्मक सोच रखना जरूरी है। हम सब धीरज रखेंगे और सही समय पर सही निर्णय लेंगे।
Hiren Patel 24.09.2025
Flipkart के बिग बिलियन डेज़ में iPhone 16 की कीमत देख कर मेरे दिल की धड़कन तेज़ हो गई। लेकिन जब मैंने कई लोगों की रद्दीकरण की शिकायतें पढ़ीं, तो मेरा उत्साह क्षणिक रूप से धुंधला। ऐसा लगता है कि प्रणाली में एक गहरी त्रुटि है जो ग्राहक के विश्वास को चीर रही है। जिस तरह एक सच्चा संगीतकार कुंजी को ट्यून करता है, वैसे ही ई‑कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म को स्टॉक मैनेजमेंट को सटीक रूप से कूटबद्ध करना चाहिए। अगर तकनीकी बग्स को ठीक नहीं किया गया, तो भविष्य में अधिक ग्राहक इस डिजिटल बाजार से दूर हट सकते हैं।
इसके अलावा, “ट्रैफ़िक‑ड्राइविंग” जैसी रणनीतियों का उपयोग करने से कंपनियों की विश्वसनीयता ख़तरे में पड़ती है। ग्राहक अपनी पैसों को सुरक्षित मानते हैं, इसलिए किसी भी अनपेक्षित रिफ़ंड का मुद्दा गंभीर माना जाना चाहिए। मैं मानता हूँ कि नियामक निकायों को इस प्रकार के अनियमित व्यवहार पर कड़ी नजर रखनी चाहिए। कंपनियों को अपने लॉजिस्टिक प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाते हुए रीयल‑टाइम डेटा दिखाना चाहिए। इस पहल से न केवल ग्राहक संतुष्ट होंगे, बल्कि ब्रांड की दीर्घकालिक मूल्यवृद्धि भी होगी। Flipkart को चाहिए कि वह “टेक्निकल कारणों” के पीछे की असली वजह को सार्वजनिक करे, न कि केवल एक सामान्य बयाना। अगर वे तुरंत प्रभावी रिफ़ंड प्रक्रिया लागू करते हैं, तो कई जलते हुए ग्राहक अपना गुस्सा घटा सकते हैं। साथ ही, प्री‑ऑर्डर की स्थिति को स्पष्ट रूप से ट्रैक करने वाले टूल्स का विकास आवश्यक है। अंत में, हम सभी को याद रखना चाहिए कि एक स्वस्थ ई‑कॉमर्स इकोसिस्टम में पारदर्शिता ही सबसे बड़ी ताकत है। यही सिद्धांत न केवल Flipkart, बल्कि सभी ऑनलाइन रिटेलर्स को अपनाना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
Heena Shaikh 24.09.2025
क्या यह केवल "टेक्निकल कारण" है या फिर सावधानीपूर्वक बनाई गई एक रणनीति? ग्राहक को बँधकर रखकर कीमत में हेरफेर करना बकवास है। यदि कंपनी को असली सुधार चाहिए तो उसे स्टॉक अपडेट को रियल‑टाइम में बनाना होगा। अन्यथा यह सिर्फ एक झूठा आश्वासन है। हमें इस तरह की चालों को घिनौना मानना चाहिए और कड़ा विरोध करना चाहिए।