नवंबर 6, 2025 को सुबह के पूर्व-बाजार सत्र में गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (GIFT City) पर ट्रेड हो रहा GIFT Nifty 91.50 अंक, यानी 0.35 प्रतिशत की गिरावट के साथ 26,163.50 पर बंद हुआ। यह आंकड़ा राष्ट्रीय आयोगी बाजार विनिमय (NSE) के लिए एक स्पष्ट संकेत था कि दिल्ली की दालाल गलियारे की व्यापार सत्र नकारात्मक शुरुआत करेगी। इसके साथ ही, बाजार के डर को मापने वाला भारतीय वॉलेटिलिटी इंडेक्स (India VIX) 0.2 प्रतिशत बढ़कर 11.97 पर पहुंच गया — निवेशकों में सावधानी की भावना फैल रही थी।
अमेरिकी बैंकिंग नीति ने बाजार को चकमा दिया
इस नकारात्मक मनोदशा का मुख्य कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीति थी। बुधवार, 5 नवंबर को फेड ने ब्याज दरों में कटौती की, लेकिन फेड चेयरमैन जेरोम पावेल ने स्पष्ट किया कि दिसंबर में फिर से दर कम करना ‘बहुत दूर’ है। इस बयान ने न केवल अमेरिकी बाजारों को हिला दिया — डॉव नीचे गया, स्पी एंड 500 स्थिर रहा — बल्कि एशियाई बाजारों को भी उलझन में डाल दिया। निवेशक यह समझने की कोशिश कर रहे थे कि क्या यह कटौती एक लंबी श्रृंखला की शुरुआत है, या बस एक अस्थायी राहत थी।
एशियाई बाजारों का उतार-चढ़ाव, भारत की निराशा
शुक्रवार की सुबह, जापान का निक्केि 1.4 प्रतिशत ऊपर, दक्षिण कोरिया का कोस्पी 1.44 प्रतिशत ऊपर, हांगकांग का हैंगसेंग 1.64 प्रतिशत ऊपर और सिंगापुर का स्ट्रेट्स टाइम्स 1.01 प्रतिशत ऊपर था। इन सकारात्मक संकेतों के बावजूद, GIFT Nifty की शुरुआत नकारात्मक हुई। शुरू में यह 25,730 तक बढ़ा, लेकिन फिर तेजी से नीचे आया। यह अजीब सा अंतर दर्शाता है कि भारतीय बाजार अब केवल वैश्विक संकेतों पर ही निर्भर नहीं — बल्कि अपने अंदर के दबावों से भी जुड़ा है।
पिछले दिनों का भार: बड़े शेयरों की गिरावट
मंगलवार, 4 नवंबर को Nifty 50 166 अंक (0.64 प्रतिशत) गिरकर 25,597.65 पर बंद हुआ था। इसके पीछे बड़े निर्णायक शेयरों — HDFC Bank, Reliance Industries, ICICI Bank, Larsen & Toubro, Eternal, Infosys और ITC — का बेचाव था। ये शेयर न केवल बाजार के भार को घटा रहे थे, बल्कि निवेशकों के मन में भी असुरक्षा का बीज बो रहे थे। अगले दिन, गुरू नानक जयंती के अवसर पर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और NSE बंद रहे, जिससे बाजार में एक अजीब सी खालीपन की भावना थी।
शुक्रवार का अंतिम नतीजा: व्यापक गिरावट
शुक्रवार को बाजार बंद होने पर Nifty 50 87.95 अंक (0.34 प्रतिशत) नीचे गिरकर 25,509.70 पर बंद हुआ। Sensex 148.14 अंक (0.18 प्रतिशत) गिरकर 83,311.01 पर रहा। 1,174 शेयर ऊपर गए, लेकिन 2,855 नीचे गए — यह अंतर स्पष्ट करता है कि बाजार में विक्रेताओं की भारी ताकत थी। धातु, बिजली, रियल एस्टेट और मीडिया सेक्टर्स 1.5 से 2.5 प्रतिशत तक गिरे। इसके बीच, FMCG, ऑटो और IT सेक्टर्स में हल्की बढ़ोतरी हुई।
कौन जीता, कौन हारा?
निफ्टी 50 के अंतर्गत, Asian Paints, Interglobe Aviation, Mahindra & Mahindra, Reliance Industries और UltraTech Cement ने लाभ कमाया। वहीं, Hindalco, Grasim Industries, Adani Enterprises, Power Grid Corporation of India और Eternal टॉप लोसर रहे। यह दिखाता है कि निवेशक अभी भी अच्छे फंडामेंटल्स वाली कंपनियों की ओर झुक रहे हैं — जहां आय और नीति स्थिर है।
रुपया, एफआईआई और तकनीकी स्तर
भारतीय रुपया शुक्रवार को 88.62 प्रति डॉलर पर बंद हुआ — मंगलवार के 88.65 के मुकाबले थोड़ा मजबूत। एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) ने मंगलवार को ₹1,067 करोड़ के शेयर बेचे, जबकि डीआईआई (घरेलू संस्थागत निवेशक) ने ₹1,203 करोड़ खरीदे। यह एक अच्छा संकेत है कि भारतीय निवेशक अभी भी बाजार में विश्वास रख रहे हैं।
तकनीकी विश्लेषण के अनुसार, Nifty 50 के लिए महत्वपूर्ण समर्थन स्तर 25,850 है। इसके नीचे गिरने पर बाजार संकलन क्षेत्र में चला जा सकता है। दूसरी ओर, अगर यह 26,100 के स्तर को पार कर जाता है, तो अगला लक्ष्य 26,300 या 26,500 हो सकता है।
क्या अगला कदम?
अगले सप्ताह के लिए निवेशकों की निगाहें फेड के अगले बयान, भारतीय बजट चर्चाओं और कंपनियों के तिमाही नतीजों पर टिकी होंगी। अगर अमेरिका और भारत दोनों में ब्याज दरों की दिशा स्पष्ट हो जाती है, तो बाजार फिर से ऊपर की ओर बढ़ सकता है। लेकिन अगर अनिश्चितता बनी रहती है, तो 25,500-25,850 के बीच एक लंबा संकलन चल सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
GIFT Nifty क्या है और यह Nifty 50 से कैसे अलग है?
GIFT Nifty गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी में ट्रेड होने वाला एक फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट है, जो Nifty 50 इंडेक्स पर आधारित है। इसका मुख्य फायदा यह है कि यह वैश्विक समय में ट्रेड हो सकता है — जबकि NSE पर ट्रेडिंग भारतीय समय के अनुसार ही होती है। इसलिए GIFT Nifty वैश्विक बाजार की भावनाओं को जल्दी दर्शाता है, जिससे भारतीय बाजार की शुरुआत का अनुमान लगाया जा सकता है।
India VIX का बढ़ना क्या दर्शाता है?
India VIX 11.97 पर बढ़ना बताता है कि निवेशक अगले 30 दिनों में बाजार में उतार-चढ़ाव की उम्मीद कर रहे हैं। यह संकेत अक्सर बाजार में डर या अनिश्चितता के कारण होता है। हालांकि 12 से कम का स्तर अभी भी सामान्य माना जाता है, लेकिन इसका बढ़ना विशेष रूप से अमेरिकी बैंकिंग नीति के बाद चिंता का संकेत है।
फेड की नीति का भारतीय बाजार पर क्या प्रभाव पड़ता है?
फेड की ब्याज दर की नीति वैश्विक पूंजी के प्रवाह को प्रभावित करती है। जब अमेरिका दरें कम करता है, तो निवेशक भारत जैसे उभरते बाजारों में निवेश करने के लिए प्रेरित होते हैं। लेकिन अगर वे कहते हैं कि और कटौती नहीं होगी, तो यह पूंजी वापस अमेरिका की ओर लौट सकती है — जिससे भारतीय रुपया और शेयर बाजार दोनों प्रभावित होते हैं।
क्या भारतीय बाजार अब भी घरेलू निवेशकों पर निर्भर है?
हां, और यह एक महत्वपूर्ण सुरक्षा बन गया है। मंगलवार को DIIs ने ₹1,203 करोड़ का खरीदारी किया, जबकि FIIs ने ₹1,067 करोड़ का बेचाव किया। यह दर्शाता है कि घरेलू निवेशक अभी भी बाजार में विश्वास रखते हैं। अगर यह रुझान बना रहता है, तो विदेशी निकासी के बावजूद बाजार टिक सकता है।
Nifty 50 के लिए अगला समर्थन और प्रतिरोध क्या है?
अगला महत्वपूर्ण समर्थन स्तर 25,850 है। इसके नीचे गिरने पर बाजार 25,500-25,700 के बीच संकलन कर सकता है। वहीं, अगर यह 26,100 के स्तर को तोड़ देता है, तो 26,300 और फिर 26,500 की ओर बढ़ सकता है। यह स्तर तकनीकी विश्लेषकों के लिए एक महत्वपूर्ण बिंदु है — इसके ऊपर जाने पर नई खरीदारी की भावना बढ़ेगी।
क्या नवंबर में बाजार ऊपर जाएगा?
नवंबर में बाजार की दिशा दो चीजों पर निर्भर करेगी: फेड के अगले बयान और भारतीय बजट की घोषणाएं। अगर दोनों स्थिर रहते हैं, तो बाजार 26,000 के आसपास टिक सकता है। लेकिन अगर अमेरिका में अनिश्चितता बढ़ती है या भारत में बजट में अप्रत्याशित बदलाव आते हैं, तो निचले स्तरों पर वापसी की संभावना है।
Sree A 6.11.2025
GIFT Nifty का 0.35% गिरना अभी तक कोई बड़ी बात नहीं। सपोर्ट 25,850 पर है, अगर ये टूटता है तो 25,500-25,700 के बीच संकलन हो सकता है। India VIX 11.97 पर अभी भी नॉर्मल रेंज में है।