मेडिसन कीज की ऐतिहासिक जीत

ऑस्ट्रेलियन ओपन 2025 की महिला सिंगल्स में अमेरिकी टेनिस खिलाड़ी मेडिसन कीज ने सबको चौंका दिया। 19वीं सीड कीज ने दो बार की डिफेंडिंग चैंपियन आर्यना सबालेंका को बेहद रोमांचक फाइनल में 6-3, 2-6, 7-5 से हराया। यह कीज के करियर का पहला ग्रैंड स्लैम खिताब है। इससे पहले वो साल 2017 में यूएस ओपन के फाइनल तक पहुँची थीं, लेकिन तब खिताब चूक गई थीं। तेरह साल के लंबे इंतजार और कई उतार-चढ़ाव के बाद आख़िरकार उन्होंने बड़ा मुकाम हासिल किया।

फाइनल मैच शानदार टेनिस से भरा रहा। दोनों खिलाड़ियों ने बेहतरीन खेल दिखाया, लेकिन कीज मैच के अहम पलों में ज्यादा मजबूत रहीं। खासकर जब सबालेंका ने दूसरे सेट में जबरदस्त वापसी की, तब कीज ने संयम बनाए रखा और निर्णायक सेट में दबाव में शानदार सर्विस व रिटर्न शॉट्स खेले। दिलचस्प बात ये रही कि कीज ने सेमीफाइनल में वर्ल्ड नंबर दो इगा स्वियातेक के खिलाफ मैच प्वाइंट बचाकर फाइनल में जगह बनाई थी।

रिकॉर्ड्स की बौछार, कड़ी चुनौतियां

मेडिसन कीज का यह सफर सच में ऐतिहासिक रहा। उन्होंने रास्ते में चार टॉप 10 खिलाड़ियों को हराया, जो ओपन एरा में केवल चौथी बार हुआ है। उनसे पहले इवॉन गुलागांग, मैरी पियर्स और ली ना ही ऐसा कर पाई थीं। इतना ही नहीं, कीज ने वर्ल्ड नंबर 1 और 2, दोनों को हराकर ग्रैंड स्लैम जीता, जो सेरेना विलियम्स के बाद पहली महिला हैं जिनके नाम ये कारनामा दर्ज हुआ।

29 साल की मेडिसन कीज ऑस्ट्रेलियन ओपन जीतने वाली तीसरी अश्वेत महिला बन गई हैं। उनसे पहले केवल इवॉन गुलागांग कावली और सेरेना विलियम्स ने ये उपलब्धि हासिल की थी। ये जीत उनके लिए निजी तौर पर भी बेहद खास रही, क्योंकि टूर्नामेंट से करीब सात हफ्ते पहले ही उन्होंने शादी की थी। कीज ने मैच के बाद कहा, "मैं रोए बिना ये सब कह नहीं सकती। मेरी पहली ग्रैंड स्लैम सेमीफाइनल भी यहीं थी, और अब पहला खिताब भी यहीं आया। ये मेरे लिए दुनिया जैसी खुशी है।"

सबालेंका के लिए ये फाइनल काफी मायूसी भरा रहा। वो लगातार तीसरी बार ऑस्ट्रेलियन ओपन जीतने जा रही थीं, जो आखिरी बार मार्टिना हिंगिस ने 1999 में किया था। फाइनल के बाद सबालेंका का कहना था – “फाइनल में या तो ट्रॉफी मिलती है या कुछ नहीं। कोई उपविजेता को याद नहीं रखता।”

  • कीज ने टूर्नामेंट से पहले अपनी सर्विस और रैकेट दोनों में बदलाव किया, जिससे अहम मौकों पर उन्हें फायदा मिला।
  • 2023 यूएस ओपन में कंधे की चोट और फॉर्म में गिरावट के बाद भी उन्होंने शानदार वापसी की।
  • इस बार टूर्नामेंट में एक और बड़ा रिकॉर्ड बना: जर्मनी की ईवा लिस पहली ‘लकी लूज़र’ खिलाड़ी रहीं जो विमेंस सिंगल्स के चौथे राउंड में पहुंचीं।

मेडिसन कीज की यह जीत न सिर्फ उनके व्यक्तिगत करियर के लिए, बल्कि अमेरिकी और महिला टेनिस के लिए भी एक बड़ी मिसाल है। उनकी मेहनत, धैर्य और लगातार बदलाव करने की हिम्मत ने उन्हें ऑस्ट्रेलियन ओपन चैंपियन बना दिया।