शिखर पहाड़िया की उम्दा प्रतिक्रिया
शिखर पहाड़िया, जो बॉलीवुड अभिनेत्री जान्हवी कपूर से जुड़े होने की अफवाहों में अक्सर रहते हैं, ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक जातिवादी टिप्पणी का सामना कर उसे बेहद साहसिक जवाब दिया। यह घटना तब हुई जब शिखर ने दिवाली 2024 की तस्वीरें अपने सोशल मीडिया पर साझा कीं, जिसमें वे जान्हवी कपूर और अपने पालतू जानवरों के साथ नजर आ रहे थे। एक यूजर ने टिप्पणी करते हुए लिखा, ‘लेकिन तुम तो दलित हो’। इस पर शिखर ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए इस टिप्पणी को ‘दया की पात्र’ बताया और ट्रोलर की ‘छोटी, पुरानी सोच’ की निंदा की।
शिखर ने इस प्रतिक्रिया में कहा कि दिवाली प्रकाश, प्रगति और एकता का प्रतीक है और भारत की वास्तविक शक्ति उसकी विविधता में निहित है। उन्होंने ट्रोलर से यह भी आग्रह किया कि वे अपने आप को शिक्षित करें और अज्ञानता फैलाने के बजाए सही मार्ग पर लौटें। इस प्रतिक्रिया में उन्होंने एक सार्थक संदेश भी दिया जिसमें सही विचारधारा और आभार का महत्व बताया गया।
सोशल मीडिया पर सराहना और प्रतिक्रिया
शिखर की इस प्रतिक्रिया को सोशल मीडिया पर बड़ी मात्रा में ध्यान मिला, और कई लोगों ने उनकी जातिवाद के खिलाफ साहसिक रुख की प्रशंसा की। शिखर के भाई, वीर पहाड़िया, हाल ही में अपने फिल्मकारियर 'स्काइ फोर्स' में डेब्यू कर चुके हैं। शिखर के इस तरह के करारे जवाब ने यह स्पष्ट किया है कि जब बात सच्चाई की होती है, तो वे किसी भी प्रकार की नफरत का सामना करते हुए पीछे नहीं हटते।
akash anand 18.03.2025
शिखर पहाड़िया ने ट्रोलर की निचली सोच को कड़ी कसौटी पर खड़ा किया। ऐसे घिनौने विचारों को कभी भी बर्दअश्त नहीं किया जाना चाहिए, और यह उनकी असहनीय लालसा का प्रमाण है।
BALAJI G 18.03.2025
जातिवाद की सफाई में शिखर ने सही कदम उठाया।
Manoj Sekhani 18.03.2025
वास्तव में ऐसी निंदनीय टिप्पणी को बस खारिज कर देना चाहिए शिखर का रवैया बौद्धिक परिपक्वता दर्शाता है
Tuto Win10 18.03.2025
क्या बात है! शिखर ने तो ट्रोलर को धक्का मार दिया!!! यह तो असली जीत है!!!
Kiran Singh 18.03.2025
ट्रोलर का दिमाग छोटा है मैं कहूँगा इसे कोई समझ नहीं सके इसे नहीं सुनना चाहिए
anil antony 18.03.2025
इसे देख कर लग रहा है कि आजकल के सोशल मीडिया पर एथिकल कॉम्प्लेक्स कम नहीं हो रहा, लेकिन शिखर का स्टैण्डपॉइंट काफी हाइपरपोलिश्ड है, जिसे किसी भी प्रो-इडेंटिटी फॉर्मेट में एम्प्लॉय किया जा सकता है। इस दावे से यह स्पष्ट है कि डिस्कोर्स की क्वालिटी में बैलेंस की कमी नहीं है।
Aditi Jain 18.03.2025
देश की विविधता ही उसकी शान है, शिखर ने इस बात को बहुत गर्व से कहा। हमें ऐसे ही अपने मूल्यों की रक्षा करनी चाहिए।
arun great 18.03.2025
शिखर की इस प्रतिक्रिया ने कई पहलुओं को उजागर किया है।
पहला, उन्होंने यह दिखाया कि व्यक्तिगत पहचान से ऊपर समाज की एकता को प्राथमिकता देना कितना महत्वपूर्ण है।
दूसरा, उन्होंने ट्रोलर की छोटे दिमागी सोच को 'दया की पात्र' कहकर एक प्रभावी शब्दावली प्रस्तुत की।
तीसरा, उनके शब्दों में यह स्पष्ट है कि वे न केवल सामाजिक बराबरी में विश्वास रखते हैं, बल्कि इसे एक राष्ट्रीय शक्ति के रूप में भी देखते हैं।
चौथा, ऐसे संदेश सोशल मीडिया पर फैलने से अन्य लोग भी धैर्य और समझदारी से प्रतिक्रिया देना सीखते हैं।
पांचवां, यह दिखाता है कि भारतीय पारम्परिक मूल्यों में विविधता को अपनाने की गहरी जड़ें हैं।
छठा, शिखर ने यह भी संकेत दिया कि हर व्यक्ति को अपने आप को शिक्षित करना चाहिए, न कि नफरत फैलाई जाए।
सातवाँ, इस तरह की आवाज़ें सामाजिक बदलाव के लिए एक प्रेरक शक्ति बनती हैं।
आठवाँ, हमें यह समझना चाहिए कि विविधता न केवल सांस्कृतिक स्तर पर बल्कि आर्थिक और राजनीतिक स्तर पर भी देश की ताकत है।
नवां, शिखर ने अपने शब्दों में एक सौम्य लेकिन दृढ़ अकड़ दिखाई, जो कि कई लोगों को प्रेरित करेगी।
दसवाँ, इस प्रकार के सार्वजनिक बयानों से वह अपने भाई, वीर पहाड़िया के करियर को भी समर्थन देते हैं।
ग्यारहवाँ, यह दर्शाता है कि परिवार की सफलता भी सामाजिक जिम्मेदारी से जुड़ी होती है।
बारहवाँ, सोशल मीडिया पर यह पोस्ट एक सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत बन गया है।
तेरहवाँ, ऐसे संवादों से डिजिटल प्लैटफ़ॉर्म पर सहिष्णुता बढ़ती है।
चौदहवाँ, हम सभी को इस तरह के प्रयोगों को बढ़ावा देना चाहिए।
पंद्रहवाँ, अंत में, शिखर की इस पहल ने यह सिद्ध किया कि विविधता ही भारत की सच्ची शक्ति है।😊
Anirban Chakraborty 18.03.2025
शिखर ने ठीक कहा, जातिवाद को खत्म करना हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है। इस तरह की खुली बातचीत से लोगों में जागरूकता बढ़ती है। साथ ही, हमें एकजुट रहकर इस राह पर आगे बढ़ना चाहिए।
Krishna Saikia 18.03.2025
अच्छा कहा तुमने, पर शिखर का साहस ही असली राष्ट्रीय भावना को दर्शाता है, यही हमें आगे ले जायेगा।
Meenal Khanchandani 18.03.2025
सही बात है, एकता में ही शक्ति है।