दलीप ट्रॉफी 2024 में संजू सैमसन का धमाका
अनंतपुर में खेली जा रही दलीप ट्रॉफी 2024 के दूसरे दिन संजू सैमसन ने अपनी शानदार शतकीय पारी से सभी का दिल जीत लिया। उन्होंने भारत डी के लिए खेलते हुए अपने करियर का 11वां फर्स्ट-क्लास शतक पूरा किया। सैमसन की इस पारी में 12 चौके और तीन छक्के शामिल थे, जो सिर्फ 101 गेंदों पर आए। उनकी इस पारी ने न केवल उनकी बल्लेबाजी कौशल को साबित किया बल्कि केरला के तीसरे सबसे सफल फर्स्ट-क्लास शतक लगाने वाले खिलाड़ी के रूप में भी स्थापित किया। सरनंश जैन के जल्दी आउट होने के बाद सैमसन ने सौरभ कुमार के साथ मिलकर पारी को संभाला और अपनी टीम को मजबूती प्रदान की।
कम समय में बनाई मजबूत साझेदारियाँ
संजू सैमसन तब क्रीज पर आए जब कप्तान श्रेयस अय्यर शून्य पर आउट हो गए थे। ऐसे मुश्किल समय में आकर सैमसन ने न केवल स्थिति को संभाला बल्कि उन्होंने रिकी भुई के साथ मिलकर एक मजबूत साझेदारी बनाई। रिकी भुई ने अर्धशतक जड़ा और उनकी इस साझेदारी ने भारत डी को एक मजबूत स्थिति में पहुँचा दिया।
पाँच साल बाद पहला शतक
इस अद्भुत शतक के साथ ही संजू सैमसन ने अपने फर्स्ट-क्लास करियर में पाँच साल बाद एक और शतक जोड़ा। अंतिम बार उन्होंने दिसंबर 2019 में शतक बनाया था। उनके इस शानदार प्रदर्शन ने उनकी प्रतिष्ठा को और भी मजबूत किया है, जो पहले से ही सफेद गेंद के क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन कर चुके हैं।
टेस्ट टीम में शामिल होने की संभावना
संजू सैमसन का यह शतक उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि है, और एक संभावित टेस्ट टीम कॉल-अप की उम्मीद में एक मजबूत मामला बनाता है। हालाँकि हाल के दिनों में वह भारतीय एकदिवसीय टीम में अपनी जगह नहीं बना पाए, लेकिन उनकी यह पारी निश्चित रूप से चयनकर्ताओं का ध्यान आकर्षित करेगी।
सैमसन का फर्स्ट-क्लास करियर
संजू सैमसन के अब तक के फर्स्ट-क्लास करियर का आंकड़ा 64 मैचों में 3,774 रन पर पहुंच गया है, जिसमें उनका औसत 38.58 है। उनके पास अब 11 शतक और 16 अर्धशतक हैं। केरल के खिलाड़ियों में, वह शतक लगाने के मामले में तीसरे स्थान पर हैं, उनके आगे सचिन बेबी (18) और रोहन प्रेम (13) हैं। सैमसन की इस पारी ने उनकी महत्वता को उनके घरेलू राज्य केरल और राष्ट्रीय क्रिकेट के संदर्भ में और बढ़ा दिया है।
मैच का संक्षिप्त विवरण
भारत डी की टीम ने पहली पारी में 306/5 के स्कोर के साथ पहले दिन का खेल समाप्त किया था। दूसरे दिन संजू सैमसन ने अपने शतक को पूरा किया और अपनी टीम को मजबूत स्थिति में बनाए रखा। हालांकि, सरनंश जैन के जल्दी आउट होने से टीम पर थोड़ा दबाव बढ़ा, लेकिन सैमसन ने सौरभ कुमार के साथ मिलकर पारी को संभाला।
सामाजिक मीडिया पर प्रतिक्रिया
संजू सैमसन की इस पारी को लेकर सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रियाओं का बाढ़ आ गया है। फैंस और क्रिकेट विशेषज्ञों ने उनकी इस पारी की जमकर तारीफ की है। कुछ लोगों ने इसे संजू के करियर का टर्निंग पॉइंट भी कहा है और चयनकर्ताओं से मांग की है कि उन्हें राष्ट्रीय टीम में मौका दिया जाए।
भविष्य की उम्मीदें
संजू सैमसन के इस शानदार प्रदर्शन के बाद भारतीय क्रिकेट प्रेमियों और विशेष रूप से केरला के लोगों की उम्मीदें बढ़ गई हैं। सभी को उम्मीद है कि यह पारी संजू के करियर को एक नई ऊँचाई पर ले जाएगी और उन्हें जल्द ही राष्ट्रीय टीम में एक नियमित स्थान मिलेगा।
इस शतक ने न केवल सैमसन के व्यक्तिगत करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ लाया है, बल्कि भारतीय क्रिकेट में भी एक नई चर्चा को जन्म दिया है। अब देखना होगा कि सैमसन की यह पारी उन्हें राष्ट्रीय टीम में कितनी जल्दी और स्थाई तरीके से जगह दिलाती है।
Bikkey Munda 21.09.2024
संजू सैमसन का शतक देख कर खुशी हुई। उन्होंने 101 गेंदों में 12 चौके और 3 छक्के लगाए। इससे उनके औसत को थोड़ा Boost मिलेगा। केरल में अब वह तीसरे स्थान पर हैं, आगे बढ़ते रहें। टीम को ऐसे innings की जरूरत होती है, इसलिए चयनकर्ता ध्यान जरूर देंगे।
akash anand 21.09.2024
सैमसन की इस पारी को लेकर अति-प्रशंसा बर्दाश्त नहीं। ऐसे दिखावे से टीम की असली समस्याएँ छुपती हैं। कई बार उसने दबाव में खराब खेल दिखाया है। अब अगर चुनन-वालों ने उसे मौका दिया तो निराशा बढ़ेगी। हमें वास्तविक प्रदर्शन चाहिए न कि सिर्फ एक शतक।
BALAJI G 21.09.2024
क्रिक्केट में व्यक्तिगत चमक से ज्यादा टीम की जीत मायने रखती है। एक खिलाड़ी को केवल व्यक्तिगत आँकड़ों से नहीं, बल्कि निरंतर योगदान से आँका जाना चाहिए। सैमसन को अब स्थिरता दिखानी होगी। केवल एक शतक से उनका स्थान नहीं बनता। यही नैतिक बुनियाद है।
Manoj Sekhani 21.09.2024
देखो भई, एँसे शॉर्टकट जीत नहीं मिलती। असली बेस्ट प्लेयर तो वो है जो हर पोजीशन में भरोसा देता है। सैमसन का यह शतक बस एक झलक है, लेकिन निरंतरता नहीं। इसलिए हमें ऐसे कल्चर को बढ़ावा देना चाहिए जो पूरी मैच को कवर करे।
Tuto Win10 21.09.2024
क्या बात है! सैमसन ने तो इतिहास लिख दिया!!
Kiran Singh 21.09.2024
मैं आपके इस elitist विचार से सहमत नहीं हूँ।
सैमसन ने अस्थायी दबाव को झेला और टीम को बचाया।
शॉर्टकट की बात तो आपके लिए खास है, पर असली क्रिकेट में जोखिम लेना ज़रूरी है।
उसकी शतक केवल स्टाइल नहीं बल्कि तकनीकी समझ को भी दिखाती है।
12 चौके और 3 छक्के उस समय की स्थिति को देखते हुए काफ़ी मूल्यवान हैं।
यदि हम सिर्फ निरंतरता पर ही ज़ोर देंगे तो कई प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को मौका नहीं मिलेगा।
चयनकर्ता को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि युवा खिलाड़ी कब ठीक समय पर चमके।
सैमसन ने पाँच साल में अपने आप को फिर से साबित किया।
यही कारण है कि हमें उसके जैसे खिलाड़ी को सपोर्ट करना चाहिए।
क्रिकेट का रोमांच तभी है जब नए चेहरों पर भरोसा किया जाए।
आपके जैसे purist कभी कभी बदलाव को समझ नहीं पाते।
लेकिन कलेक्शन में विविधता ही खेल को जीवित रखती है।
इसलिए मैं कहूँगा कि सैमसन का यह शतक सिर्फ एक अंक नहीं बल्कि संभावनाओं का द्वार है।
अगर राष्ट्रीय टीम में उसे मौका दिया गया तो नई ऊर्जा आएगी।
अंत में, मैं चाहूँगा कि सभी मिलकर इस सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ें।