किसान बचत – खर्च कम करें, आय बढ़ाएँ

किसान भाईयों के लिए पैसा बचाना अक्सर मुश्किल लगता है, लेकिन सही कदम उठाए तो बचत आसान हो सकती है। यहां हम ऐसे टिप्स बताएँगे जो आपके खेत और घर दोनों में मदद करेंगे, साथ ही सरकारी योजनाओं की भी जानकारी देंगे। चलिए शुरू करते हैं!

सरकारी योजनाएँ जो मदद करती हैं

सरकार ने कई योजनाएं लॉन्च की हैं जो किसानों को सीधे पैसे देती हैं या आसान ऋण देती हैं। सबसे प्रसिद्ध है प्रधानमानtri किसान सम्मान निधि (PM‑Kisan). इस योजना के तहत हर साल ₹6,000 मिलते हैं, जिसे आप खेती, बीज या उपकरण खरीदने में उपयोग कर सकते हैं। अगर आपने अभी तक पंजीकरण नहीं किया, तो अपने नजदीकी बैंक या कृषि अधिकारी से संपर्क करके जल्दी कर लो।

दूसरी मददगार योजना है किसान क्रेडिट कार्ड (KCC). इससे साल भर में आपको कम ब्याज पर कम से कम ₹50,000 तक का क्रेडिट मिल जाता है। आप इस पैसे को बीज, खाद, कीटनाशक या ट्रैक्टर फाइनेंस में इस्तेमाल कर सकते हैं। कार्ड पर लेन‑देन डिजिटल है, इसलिए झंझट कम रहता है।

अगर आपके पास अतिरिक्त फसल बची है, तो फसल बीमा योजना (PMFBY) आपके नुकसान को कम कर देती है। बीमा प्रीमियम कम होते हैं और जोखिम कम रहता है। यह योजना भी आपके वित्तीय लक्ष्य में मदद करती है क्योंकि आपको अचानक नुकसान नहीं सहना पड़ता।

व्यावहारिक बचत के रोज़मर्रा के तरीके

बचत सिर्फ बड़े खर्चों से नहीं, छोटी-छोटी आदतों से भी शुरू हो सकती है। उदाहरण के लिए, खेत में पानी बचाने के लिए ड्रिप इरिगेशन या टपकाव प्रणाली लगाएं। पानी की बचत से बिजली बिल घटता है और फसल की लागत भी कम होती है।

बीज और खाद खरीदते समय थोक में खरीदना फायदेमंद रहता है। कई बार सहकारी संगठनों में मिलकर खरीदने से डिस्काउंट मिलता है। साथ ही, अपनी खेती में फसल विविधता लाएं—कई फसलें उगाने से एक फसल के बर्बाद होने पर भी आय सुरक्षित रहती है।

डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करें। कई किसान ऐप जैसे किसान डैशबोर्ड या रिपोर्ट कार्ड पर आपको बाजार के रुझान, कीमतें और ऋण विकल्प मिलते हैं। इससे आप बिना मध्यस्थों के बेहतर दाम ले सकते हैं और बचत कर सकते हैं।

हर महीने एक छोटा बचत खाता खोलें। अगर आप ₹1,000 बचत कर सकते हैं तो सालाना ₹12,000 बनेंगे, जो बिचौलियों की फीस या जलवायु आपदा की स्थिति में मदद कर सकते हैं। इस खाता को अलग रखें, ताकि खर्च के लिए न झुके।

अंत में, स्थानीय कृषक समूह या सोसायटियों में जुड़ें। सामूहिक खरीद, बिक्री और ज्ञान साझा करने से आप खर्च कम कर सकते हैं और नई तकनीकें सीख सकते हैं। ऐसा नेटवर्क होने से आप अकेले नहीं, बल्कि एक समूह के साथ सुरक्षित महसूस करेंगे।

तो अब जब आप जान गए हैं कि कैसे सरकारी मदद और रोज़मर्रा की आदतों से बचत हो सकती है, तो तुरंत एक कदम उठाएँ। अपनी आय को सुरक्षित रखें, भविष्य में निवेश करें और अपने खेत को और समृद्ध बनाएं। आशा है ये टिप्स आपके लिए काम आएंगे।

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सरकार ने 3 सितंबर 2025 को ट्रैक्टर, टायर- पाट्र्स और खेती की मशीनों पर जीएसटी 12%/18% से घटाकर 5% कर दिया। बायो-पेस्टीसाइड, माइक्रोन्यूट्रिएंट, ड्रिप-स्प्रिंकलर भी 5% स्लैब में आए। दूध और चीज पर जीएसटी हटाया गया, घी-बटर पर दरें घटीं। किसानों की ट्रैक्टर खरीद पर 25,000 से 63,000 रुपये तक की बचत होगी। 5% दर से आईटीसी बना रहेगा और कीमतें स्थिर रहेंगी।

Abhinash Nayak 9.09.2025