फार्मास्यूटिकल्स: भारत में दवाओं का बाजार, नियम और नवीनतम खबरें

जब आप किसी बीमारी के लिए दवा लेते हैं, तो आप एक फार्मास्यूटिकल्स, दवाओं के निर्माण, वितरण और नियमन से जुड़ा उद्योग। यह उद्योग सिर्फ टैबलेट या सिरप नहीं, बल्कि लाखों लोगों की जिंदगी बचाने वाली विज्ञान और व्यवसाय की मिलीजुली दुनिया है। भारत दुनिया का एक बड़ा फार्मास्यूटिकल हब है — यहाँ बनी दवाएँ पूरी दुनिया में जाती हैं। लेकिन इस उद्योग के पीछे क्या चल रहा है? कौन सी कंपनियाँ बढ़ रही हैं? कौन सी दवाएँ अब ज़रूरी हो गई हैं? और सरकार कैसे नियंत्रण रख रही है?

फार्मास्यूटिकल्स का बाजार सिर्फ डॉक्टरों की दवाओं तक सीमित नहीं। यह ड्रग रेगुलेशन, दवाओं की गुणवत्ता, सुरक्षा और कीमतों को नियंत्रित करने के नियम भारत में यह ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) के हाथ में है। ये नियम बताते हैं कि कौन सी दवा किस बीमारी के लिए लाइसेंस मिली है, क्या उसकी असरदेही परीक्षण से गुजर चुकी है, और क्या उसकी कीमत आम आदमी के लिए सस्ती है। इसीलिए जब आप किसी नई दवा को देखते हैं, तो उसका बॉक्स पर लिखा होता है — यह नियमित है या नहीं।

भारत की फार्मास्यूटिकल कंपनियाँ, दवाओं का उत्पादन, अनुसंधान और बिक्री करने वाली संगठन जैसे Cipla, Sun Pharma, Dr. Reddy’s और Biocon — ये कंपनियाँ सिर्फ भारत में नहीं, अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका में भी बड़ी हैं। ये कंपनियाँ जब नई दवा बनाती हैं, तो उसे अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार टेस्ट करती हैं। इसके बाद ही इसे दुनिया भर में बेचा जाता है। कई बार ये कंपनियाँ महंगी दवाओं की नकल बनाती हैं — जिन्हें जेनेरिक दवा कहते हैं। ये दवाएँ बहुत सस्ती होती हैं, लेकिन असर वही होता है। इसीलिए भारत को दुनिया का दवा घर कहा जाता है।

लेकिन ये उद्योग बिना चुनौतियों के नहीं चलता। कभी सामग्री की कमी होती है, कभी नए नियम आते हैं, कभी बाजार में कीमतों में उतार-चढ़ाव होता है। कुछ दवाएँ तो बहुत जल्दी लोकप्रिय हो जाती हैं — जैसे डायबिटीज की दवाएँ, कैंसर की थेरेपी या नए एंटीबायोटिक्स। इनकी मांग बढ़ने से कंपनियाँ नए फैक्ट्री बनाती हैं, नए रिसर्च सेंटर खोलती हैं।

आपको इस टैग पर जो खबरें मिलेंगी, वो सिर्फ एक दवा के लॉन्च या कंपनी के रिजल्ट तक सीमित नहीं हैं। यहाँ आपको मिलेगा — कैसे एक नई दवा भारत में लाइसेंस पाती है, कौन सी कंपनियाँ अमेरिका में बड़ी डील कर रही हैं, क्या सरकार ने दवाओं की कीमतों पर नया नियम लाया है, और कौन सी बीमारियों के लिए नए इलाज आ रहे हैं। ये सब खबरें आपको बताएंगी कि आज के दिन फार्मास्यूटिकल्स कैसे चल रहे हैं — न सिर्फ बिजनेस के तौर पर, बल्कि आम आदमी के जीवन के तौर पर।

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सुदीप फार्मा के शेयर्स ने 28 नवंबर 2025 को बॉम्बे और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर 24% प्रीमियम पर लिस्टिंग की। ₹895 करोड़ के आईपीओ में QIBs ने 213 गुना सब्सक्राइब किया, जो फार्मास्यूटिकल इंग्रेडिएंट्स के बाजार में विश्वास का संकेत है।

Abhinash Nayak 29.11.2025