Tata Motors इस साल खुद को एक अभूतपूर्व संकट से जूझते देख रहा है। Jaguar Land Rover (JLR) पर हुए बड़े पैमाने के साइबर‑हैक ने उत्पादन को पूरी तरह रोक दिया है और कंपनी को लगभग ₹2,38,61,66,00,000 ($2.86 बिलियन) का नुकसान हुआ है। इस स्थिति ने न केवल Tata Motors के शेयरों को धक्का दिया, बल्कि पूरी ऑटो‑सप्लाई चेन में धुंधला माहौल बना दिया है।

साइबर‑हैक के सीधा प्रभाव

हैक के बाद JLR के यूके फैक्ट्री में उत्पादन रुक गया, जिससे हर हफ्ते लगभग $68 million का घाटा हो रहा है। इस रोकावट का असर दो स्तरों पर दिख रहा है:

  • सीधे तौर पर 30,000 कर्मचारियों को काम से हटाया गया है, जिनके पास रोज़गार का सवाल नहीं रह गया।
  • लगभग 100,000 सप्लायर और छोटे‑मोटे फर्म, जो जाँच‑पड़ताल, पुर्ज़ा सप्लाई और लॉजिस्टिक में जुड़े हैं, उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।

कंपनी के अनुसार, अगर इस स्थिती को जल्दी नहीं सुधारा गया, तो साल के अंत तक कुल नुकसान और भी बढ़ सकता है, जिससे Tata Motors की सालाना कमाई में भारी गिरावट आएगी।

सरकारी और यूनियन की प्रतिक्रिया

सरकारी और यूनियन की प्रतिक्रिया

यूके सरकार ने इस मुद्दे को राष्ट्रीय सुरक्षा के तौर पर माना है और Tata Motors के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कई मीटिंग्स तय की हैं। साइबर‑सुरक्षा विशेषज्ञ अभी JLR की तकनीकी टीम के साथ मिलकर सिस्टम को पुनः स्थापित करने और भविष्य की जोखिमों को कम करने पर काम कर रहे हैं।

सप्लायर यूनियनों ने छोटे फर्मों के लिए वित्तीय मदद की माँग दर्ज करवाई है। उनका कहना है कि कई SMEs पहले ही नकदी की कमी से जूझ रहे हैं और अगर उत्पादन रुकावट जारी रही तो कई फर्में बंद हो सकती हैं। यूनियन ने सरकार से त्वरित ऋण सुविधा और कर राहत की मांग की है।

उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला ऑटो‑मैन्युफैक्चरिंग में डिजिटल सुरक्षा की कमजोरी को उजागर करता है। भविष्य में ऐसे बड़े पैमाने के हमलों को रोकने के लिये सभी प्रमुख OEMs को अधिक मजबूत साइबर‑डिफेंस सिस्टम, रिडंडेंट बैक‑अप प्लान और रीयल‑टाइम मॉनिटरिंग अपनानी होगी।