तुलसी विवाह 2025: 2 नवंबर या 5 नवंबर? विवादित मुहूर्त और रिवाजों का गहरा अध्ययन
तुलसी विवाह 2025 को 2 नवंबर या 5 नवंबर मनाया जाएगा? जेके योग और श्री राम मंदिर संगठन के बीच मुहूर्त विवाद। जानें पूजा विधि, कथा और सौराष्ट्र में इसकी विशेष परंपरा।
तुलसी विवाह एक ऐसा त्योहार है जो सिर्फ एक धार्मिक रस्म नहीं, बल्कि प्रकृति और मानव जीवन के बीच गहरा संबंध दर्शाता है। तुलसी, एक पवित्र पौधा जिसे हिंदू धर्म में भगवान विष्णु की अवतार माना जाता है का विवाह श्री कृष्ण या शिव से किया जाता है, जिससे इसका अर्थ केवल फूल-पत्तियों तक सीमित नहीं रहता। ये रिवाज उत्तर भारत में कार्तिक माह की शुक्ला एकादशी को मनाया जाता है, जबकि दक्षिण में इसे दीपावली के बाद के दिनों में देखा जाता है। श्री कृष्ण, भगवान विष्णु के अष्टम अवतार, जिन्हें तुलसी के विवाह में पति के रूप में माना जाता है की भक्ति का यह एक अहम पहलू है, जहाँ पौधे को देवी के समान पूजा जाता है।
इस त्योहार के पीछे की कहानियाँ भी बहुत दिलचस्प हैं। एक मान्यता के अनुसार, तुलसी असल में वृंदा थीं, जो श्री कृष्ण के प्रति अटूट भक्ति रखती थीं। जब वे उनके धोखे से बचने के लिए अपनी जान दे दी, तो उन्हें तुलसी के रूप में जन्म दिया गया। दूसरी कथा में तुलसी का विवाह शिव से हुआ, जो उत्तर भारत में अधिक प्रचलित है। इसलिए यह त्योहार केवल एक रीति नहीं, बल्कि हिंदू परंपराएँ, भारतीय समाज में धर्म, प्रकृति और सामाजिक जीवन को जोड़ने वाली आधारभूत संरचनाएँ का प्रतीक है। घरों में तुलसी के चारों ओर छोटे-छोटे घर बनाए जाते हैं, जिनमें शिवलिंग या कृष्ण मूर्ति रखी जाती है, और फिर उनका विवाह वैदिक मंत्रों के साथ किया जाता है। इस दौरान गीत गाए जाते हैं, बेलपत्र चढ़ाए जाते हैं, और घर के सभी सदस्य इस अवसर को आध्यात्मिक रूप से मनाते हैं।
आज भी भारत के गाँवों और शहरों में यह त्योहार बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। कई घरों में तुलसी की जड़ के आसपास चार दिन तक आरती की जाती है, और बच्चों को इसकी कहानियाँ सुनाई जाती हैं। यह न सिर्फ धर्म का मुद्दा है, बल्कि पर्यावरण के प्रति सम्मान का भी एक संदेश है। जब आप अपने घर में तुलसी की चारपाई पर फूल चढ़ाते हैं, तो आप एक ऐसी परंपरा को जी रहे होते हैं जो हजारों साल पुरानी है। यहाँ आपको उन लेखों की सूची मिलेगी जो इस त्योहार के विभिन्न पहलुओं—कथाओं, स्थानीय रिवाजों, और आधुनिक समय में इसके बदलते रूप—को उजागर करते हैं।
तुलसी विवाह 2025 को 2 नवंबर या 5 नवंबर मनाया जाएगा? जेके योग और श्री राम मंदिर संगठन के बीच मुहूर्त विवाद। जानें पूजा विधि, कथा और सौराष्ट्र में इसकी विशेष परंपरा।