डैरी प्राइस कट – क्या बदल रहा है दूध की कीमतें?

पिछले कुछ हफ्तों में डेयरी सेक्टर में कीमतों में हल्की गिरावट देखी जा रही है। किसान, दूध विक्रेताओं और आम लोग सभी इस परिवर्तन को लेकर सवालों में हैं। तो चलिए, इस लेख में जानते हैं कि डैरी प्राइस कट क्यों हो रहा है और इसका असर कौन-कौन पर पड़ेगा।

क्यों हो रहा है डैरी प्राइस कट?

सबसे पहला कारण है मौसमी उतार‑चढ़ाव। मौसम के साथ दूध की आपूर्ति में बदलाव आता है, और जब उत्पादन बढ़ जाता है तो कीमतें नीचे आती हैं। दूसरा कारण है नई सरकारी नीतियां। हाल ही में सरकार ने जीएसटी रिफॉर्म 2025 में डेयरी उत्पादों पर कर में कमी की घोषणा की, जिससे उत्पादन लागत घट गई और बाजार में कीमतें दबाव में आ गईं। इसके अलावा, बड़े रिटेलर्स जैसे बिग बॉक्स, फ़्लिपकार्ट ने अपने प्लेटफ़ॉर्म पर कम कीमतों को प्रमोट किया, जिससे छोटे दकानों को भी अपनी कीमतें घटानी पड़ीं।

किसानों और उपभोक्ताओं को कौन से फ़ायदे?

किसानों के लिए डैरी प्राइस कट का मतलब है कि उन्हें कम कीमतों पर दूध बेचना पड़ेगा, लेकिन साथ ही सरकार ने समर्थन राशि में बढ़ोतरी की है। नई सब्सिडी योजना के तहत हर बड़े डेयरी किसान को प्रति लीटर 5 रुपये अतिरिक्त मिलेंगे, जिससे उनकी आय में कुछ हद तक संतुलन बना रहता है। दूसरी तरफ, उपभोक्ताओं को सीधे फायदा मिल रहा है। सुपरमार्केट में मिल्क पैकेज की कीमत अब 30‑40 रुपये कम हो गई है, और स्थानीय दूकानों में भी दही, पनीर और घी की कीमतें घट रही हैं। इससे रोज़मर्रा की खरीदारी में बचत होगी।

एक और दिलचस्प पहलू है दही और पनीर जैसे डेयरी उत्पादों की प्रोमोशन। बड़े ब्रांड अब बड़े पैकेज में डिस्काउंट दे रहे हैं, जिससे परिवार में बड़े पैमाने पर स्टॉक करना आसान हो गया। अगर आप नियमित रूप से दही या पनीर खरीदते हैं, तो ये ऑफ़र आपके खर्च को 15‑20 % तक कम कर सकते हैं।

ध्यान देने वाली बात यह है कि कीमतों में कमी का मतलब हमेशा गुणवत्ता में कमी नहीं होता। कई डेयरी कंपनियों ने अभी भी प्रिंसिपल क्वालिटी सपोर्ट (PQS) को बनाए रखने की घोषणा की है, इसलिए आप सस्ता दूध भी साफ़ और ताज़ा प्राप्त कर सकते हैं।

अब सवाल उठता है—क्या यह गिरावट स्थायी होगी? विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर आपूर्ति‑डिमांड का संतुलन बना रहे तो कीमतें हल्की‑हल्की फिर से ऊपर जा सकती हैं। लेकिन वर्तमान में, जलवायु अनुकूलन, नई तकनीक जैसे बोवेलिंग और टेम्परिंग, और सरकारी सब्सिडी इस गिरावट को कम से कम अगले 6‑12 महीनों तक बनाए रख सकते हैं।

आपको क्या करना चाहिए? अगर आप घर में बड़ा परिवार चलाते हैं या डेयरी उत्पादों का बड़ा उपभोक्ता हैं, तो इस समय का फायदा उठाकर अधिक मात्रा में स्टॉक कर सकते हैं। किसानों के लिए, नई सब्सिडी को आवेदन करना और स्थानीय डैरी सहयोगियों के साथ मिलकर बेहतर कीमत पर दूध बेचना फायदेमंद रहेगा।

सारांश में, डैरी प्राइस कट से किसानों को नई सब्सिडी मिल रही है, जबकि उपभोक्ताओं को सस्ते में बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पाद मिल रहे हैं। बाजार में यह परिवर्तन कई मौसमी और नीति‑आधारित कारणों से आया है, और अगले कुछ महीनों में इसका असर देखा जाएगा।

GST कटौती के बाद अमुल और मदर डेयरी ने कीमतों में विशाल गिरावट, 700 से अधिक प्रोडक्ट्स पर असर

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सरकार के GST 2.0 सुधार के बाद अमुल और मदर डेयरी ने 22 सितंबर से 700 से अधिक उत्पादों की कीमतें घटा दी हैं। अमुल बटर, घी, UHT मिल्क, आइसक्रीम व कई स्नैक्स पर सीधा लाभ ग्राहक तक पहुंचाया गया है। मदर डेयरी ने भी समान कदम उठाया, जिससे उपभोक्ताओं की जेब पर दबाव हल हुआ। राज्य की कम प्रति व्यक्ति डेयरी खपत को बढ़ावा देने की कोशिश है। कीमत में कटौती के बाद बाजार में प्रतिस्पर्धा तेज होने की संभावना है।

Abhinash Nayak 23.09.2025