DHS ने 2025 में F‑1 वीज़ा नियमों में बड़ा बदलाव, छात्रों को सावधान रहें
DHS ने अगस्त 2025 में F‑1 वीज़ा नियमों में बड़े बदलाव प्रस्तावित किए, जिससे छात्रों को नई अवधि सीमा और ट्रांसफ़र प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा।
जब आप F-1 वीज़ा, अमेरिका में पढ़ाई करने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए मुख्य इमिग्रेशन दस्तावेज़. Also known as अमेरिकी छात्र वीज़ा, it lets you enroll in a U.S. educational institution and stay for the duration of your course.
हर साल लाखों भारतीय छात्रों को I-20 फॉर्म, सकुल के द्वारा जारी किया गया प्रमाण पत्र कि आप पर्याप्त पढ़ाई और वित्तीय साधनों के साथ इमिग्रेशन नियमों को पूरा करते हैं चाहिए. ये फॉर्म SEVIS, विदेशी छात्र और एक्सचेंज विज़िटर सूचना प्रणाली में रिकॉर्ड होता है, जिससे इमिग्रेशन विभाग को आपके स्टेटस का रियल‑टाइम अपडेट मिलता है. इस प्रकार, F-1 वीज़ा को लागू करने के लिए I-20 और SEVIS दोनों अनिवार्य हैं – यह एक स्पष्ट संबंध (F-1 वीज़ा requires I-20 और SEVIS) बनाता है.
प्रक्रिया शुरू करते समय सबसे पहला कदम है स्कूल का चयन और उनके साथ admission की पुष्टि. फिर कॉलेज या विश्वविद्यालय से I-20 प्राप्त कर, आप DS‑160 फॉर्म ऑनलाइन भरते हैं और वीज़ा शुल्क जमा करते हैं. साक्षात्कार के दिन, आपके पास पासपोर्ट, I-20, स्कूल की फॉर्म, वित्तीय प्रमाण (बैंक स्टेटमेंट, स्कॉलरशिप लेटर) और पिछले शैक्षणिक दस्तावेज़ होना चाहिए. इस चरण में तैयार रहने से साक्षात्कार में आत्मविश्वास बना रहता है.
वित्तीय प्रूफ अक्सर सबसे कठिन भाग माना जाता है. अमेरिकी इमिग्रेशन अधिकारी यह देखना चाहते हैं कि आप ट्यूशन, फीस, रहने का खर्च और व्यक्तिगत जरूरतों के लिए पर्याप्त फंड्स रखते हैं. सामान्य तौर पर, एक साल का खर्च लगभग 30‑40 हजार डॉलर माना जाता है, इसलिए बैंक स्टेटमेंट में इस राशि से अधिक फंड्स दिखाना सुरक्षित रहता है. इसके अलावा, स्कॉलरशिप या फ़ाइनेंशियल एड भी वैध विकल्प हैं, बशर्ते वे आधिकारिक रूप से मान्य हों.
पढ़ाई के दौरान काम करने की चाह रखने वाले छात्रों को CPT (Curricular Practical Training) और OPT (Optional Practical Training) के बारे में जानना ज़रूरी है. CPT आपको कोर्स के हिस्से के रूप में पार्ट‑टाइम या फुल‑टाइम काम करने की अनुमति देता है, जबकि OPT पढ़ाई खत्म होने के बाद एक साल तक (STEM डिग्री के लिए दो साल) काम करने का मौका देता है. दोनों ही विकल्प SEVIS रिकॉर्ड में अपडेट होते हैं, इसलिए अपने स्कूल के अंतर्राष्ट्रीय छात्र कार्यालय से सही प्रक्रिया अपनाना आवश्यक है.
एक बार जब आप अमेरिका में होते हैं, तो SEVIS के नियमों का पालन अनिवार्य है. आपको हर साल अपने पते, संपर्क जानकारी और कोर्स के स्टेटस को अपडेट करना होता है. वैधता समाप्ति के मामलों में, स्कूल या इमिग्रेशन विभाग को तुरंत सूचित करना चाहिए, नहीं तो वीज़ा रद्द हो सकता है और भविष्य में फिर से आवेदन कठिन हो सकता है. यह एक महत्वपूर्ण कड़ी (SEVIS influences F-1 Visa compliance) जोड़ती है, जिससे आपका स्टेटस हमेशा वैध रहता है.
रिकॉर्ड के अनुसार, कई भारतीय छात्र विस्तार (extension) या प्रोग्राम बदलने की वजह से वीज़ा की वैधता को पुनः अपडेट कराते हैं. यदि आपका कोर्स दो साल से अधिक है, तो आप हर साल SEVIS में नए रजिस्ट्रेशन के साथ अपने F-1 स्टेटस को बढ़ा सकते हैं. इसके अलावा, यदि आप ट्रांसफ़र करना चाहते हैं, तो नया स्कूल आपका I-20 जारी करेगा और पुराना SEVIS रिकॉर्ड बंद हो जाएगा. यह प्रक्रिया सावधानी से करनी चाहिए, नहीं तो अनपेक्षित रुकावटें आ सकती हैं.
अंत में, F-1 वीज़ा के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवालों में साक्षात्कार की तैयारी, वित्तीय दस्तावेज़ों की वैधता, और काम करने के अधिकार शामिल हैं. सबसे बड़ी चुनौती अक्सर समय‑सीमा का पालन करना और सभी दस्तावेज़ सही फ़ॉर्मेट में जमा करना है. अपने स्कूल के अंतर्राष्ट्रीय छात्र ऑफिस से नियमित संपर्क, सही सूचना अपडेट, और प्रैक्टिस साक्षात्कार से आप इन बाधाओं को आसानी से पार कर सकते हैं.
अब आप F-1 वीज़ा की पूरी तस्वीर समझ गए हैं – दस्तावेज़, प्रक्रिया, रिपोर्टिंग, और काम के अवसर. नीचे आप देखेंगे कि इस टैग में कौन‑कौन से लेख, अपडेट और टिप्स शामिल हैं, जो आपके अमेरिकी अध्ययन सपने को वास्तविक बनाने में मदद करेंगे.
DHS ने अगस्त 2025 में F‑1 वीज़ा नियमों में बड़े बदलाव प्रस्तावित किए, जिससे छात्रों को नई अवधि सीमा और ट्रांसफ़र प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा।